पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दर्ज किए गए ₹100 करोड़ के मानहानि मामले में मद्रास हाईकोर्ट ने सुनवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि धोनी का बयान भीड़ और अव्यवस्था से बचने के लिए एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से दर्ज किया जाएगा।
यह केस 2014 में दायर हुआ था, जब 2013 IPL सट्टेबाज़ी विवाद पर टीवी डिबेट में धोनी के खिलाफ कथित मानहानिकारक टिप्पणी की गई थी। धोनी ने दो बड़े मीडिया चैनलों से हर्जाने की मांग की थी।
कमिश्नर की नियुक्ति
जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करते हुए कहा कि धोनी द्वारा पेश किए जाने वाले सबूत और बयान अब वही दर्ज करेंगे। धोनी ने हलफनामे में कहा कि वे कोर्ट और कमिश्नर के निर्देशों का पालन करेंगे और ट्रायल में अनावश्यक देरी नहीं चाहते।
IPL 2013 का विवाद
स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाज़ी के इस हाईप्रोफाइल मामले में CSK के गुरुनाथ मयप्पन और RR के राज कुंद्रा सहित कई नाम सामने आए थे। राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ी—एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला—गिरफ्तार भी हुए थे। लोढ़ा कमेटी की सिफारिश पर 2015 में CSK और RR पर दो साल का प्रतिबंध लगा।
धोनी का क्रिकेट सफ़र
2004 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले धोनी ने 2007 में T20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जिताया। 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वे IPL में CSK के कप्तान हैं, जिन्होंने 278 मैच खेलते हुए टीम को पांच खिताब दिलाए। धोनी IPL में 100 मैच जीतने वाले अकेले कप्तान भी हैं।