छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में 13 वर्षीय चिन्मय सूर्यवंशी की हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। सरस्वती शिशु मंदिर, रतनपुर में पढ़ने वाला यह मासूम 31 जुलाई की शाम दोस्तों संग घर से निकला था और फिर कभी वापस नहीं लौटा।
लगातार 14 दिनों तक परिजन और पुलिस उसकी तलाश करते रहे, लेकिन सुराग तब मिला जब उसके मोबाइल में नया सिम डाला गया। लोकेशन ट्रैक करते हुए पुलिस ने ग्राम भरारी के 19 वर्षीय छत्रपाल सूर्यवंशी को पकड़ा। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया — मोबाइल लूट की कोशिश में चिन्मय की हत्या कर दी और शव को भरारी स्कूल की बंद पड़ी बिल्डिंग में फेंक दिया, ताकि कोई शक न करे।
फ़िलहाल, चार संदिग्ध हिरासत में हैं और पुलिस उनसे कड़ी पूछताछ कर रही है। घटना से पूरे इलाके में गुस्सा और मातम का माहौल है। लोग आरोपियों को फांसी जैसी सख्त सज़ा देने की मांग कर रहे हैं।
चिन्मय का परिवार सदमे में है — पिता संजय सूर्यवंशी समेत परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यह घटना न सिर्फ मासूम की मौत की कहानी है, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है — क्या मोबाइल जैसी वस्तु की लालच इंसानियत को इतना गिरा सकती है?