जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में भारी बारिश के कारण आई अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन से 5 बच्चों समेत 7 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग घायल हो गए हैं। जोध घाटी और आसपास के इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान जारी है। कठुआ से पहले जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने से करीब 65 लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी यहां 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। बचाव दल उनकी तलाशी में जुटे हैं।
अधिकारियों ने बताया, रविवार तड़के जुथाना जोध में हुए भूस्खलन के बाद एक परिवार के फंसे होने की आशंका है। लगभग उसी समय, जोध घाटी और आसपास के इलाकों में संदिग्ध बादल फटने की घटनाएँ हुईं, जिससे गाँव का संपर्क टूट गया।
सुबह साढ़े तीन बजे हुई घटना
कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान हमने तीन और शव बरामद किए हैं। इनमें से एक जोध घाटी में और दो जंगलोट में मिले हैं। इस तरह से मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। राजबाग थाने के इंस्पेक्टर अजय सिंह के मुताबिक, ये घटनाएँ सुबह साढ़े तीन बजे से चार बजे के बीच हुईं। अग्रिम दल इलाके में पहुँच गए हैं।
कठुआ हादसे में इन्होंने गंवाई जान
पुलिस ने मृतकों की पहचान रेणु देवी (39) और उनकी बेटी राधिका (9), सुरमु दीन (30), उनके बेटे फानू (6) और शेडू (5), हबीब दीन के बेटे ताहू (2) और बशीर अहमद की बेटी जुल्फान (15) के रूप में की है। सभी लोग कठुआ जिले के रहने वाले थे।
CM ने दुख जताया, उप राज्यपाल ने गृहमंत्री से बात की
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी मौतों पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति से अवगत करा दिया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर लिखा, नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत कार्रवाई में जुट गए हैं। स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है।