स्पिन द वर्ड (सरल और असरदार हेडलाइन + सारांश):

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⚖️ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

पत्नी के कैरेक्टर पर बिना सबूत शक करना क्रूरता है, हाईकोर्ट ने पति की अपील खारिज की।


केस बैकग्राउंड

  • रायगढ़ का मामला: शादी 2012 में हुई, दो बच्चे हैं।

  • 2018 में पत्नी मायके चली गई।

  • पति ने तलाक और बच्चों की कस्टडी मांगी।

  • पत्नी पर अवैध संबंध का आरोप लगाया, पर सबूत पेश नहीं कर पाया।


हाईकोर्ट का ऑब्ज़र्वेशन

  • पत्नी के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं।

  • केवल मोबाइल बातचीत को आधार नहीं माना जा सकता।

  • पत्नी के कैरेक्टर पर शक करना = मानसिक क्रूरता।

  • फैमिली कोर्ट का आदेश बरकरार, पति की अपील खारिज।


साफ संदेश: बिना सबूत पत्नी के चरित्र पर आरोप लगाना न केवल गलत, बल्कि कानूनन क्रूरता माना जाएगा।

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