नई दिल्ली, 18 अगस्त 2025 – बिहार में मतदाता सूची की गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोपों को लेकर संसद का माहौल गर्म हो गया है। विपक्षी दल अब मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो पार्टी लोकतांत्रिक तरीकों का इस्तेमाल करेगी, जिसमें महाभियोग प्रस्ताव भी शामिल है। हालांकि अभी तक औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।
लोकसभा में नारेबाजी और हंगामा
सोमवार को लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने “वोट चोर गद्दी छोड़” और “वी वॉन्ट जस्टिस” के नारे लगाए।
स्पीकर की सख्त चेतावनी के बावजूद हंगामा थमा नहीं। नतीजतन, कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
राज्यसभा में भी यही हाल रहा और वहां भी कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए रोक दी गई।
कांग्रेस-राजद-NCP(SP) का संयुक्त प्रदर्शन
संसद भवन के मकर द्वार पर कांग्रेस, राजद और NCP(SP) समेत कई दलों के सांसदों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन 12 अगस्त से लगातार जारी बहस का हिस्सा है।
क्या विपक्ष महाभियोग लाएगा?
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में इंडिया ब्लॉक के नेताओं की बैठक हुई। इसमें चर्चा हुई कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो संसद में मुख्य चुनाव आयुक्त पर महाभियोग लाया जा सकता है।
दरअसल, हाल ही में चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उनके PPT में दिखाया गया डेटा गलत है। आयोग ने कहा – “या तो हलफनामा दीजिए, या देश से माफी माँगिए।”
चिराग पासवान का पलटवार
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा –
“आप सिर्फ हवा-हवाई बातें करते हैं। आपत्ति दर्ज करने की बात आएगी तो पीछे हट जाएंगे। चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है, जिस पर पहले आप खुद भरोसा करते थे।”
आज संसद में और क्या होना है?
सदन में आज ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर भी विशेष चर्चा प्रस्तावित है। इसके अलावा, लोकसभा में हंगामे के बीच ही
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पीयूष गोयल ने जन विश्वास संशोधन विधेयक 2025 पेश किया।
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धर्मेंद्र प्रधान ने IIM संशोधन बिल 2025 सदन में रखा।
मानसून सत्र की झलक
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21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा मानसून सत्र।
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कुल 32 दिन निर्धारित, 18 बैठकें होंगी।
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अब तक कई बार SIR विवाद और अन्य मुद्दों पर सदन बाधित हो चुका है।
क्यों बड़ा है यह विवाद?
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बिहार में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के दौरान धांधली के आरोप लगे।
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विपक्ष इसे “लोकतंत्र पर हमला” बता रहा है।
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सरकार और एनडीए इसे “बे-बुनियाद आरोप” मान रहे हैं।