छत्तीसगढ़ भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव की नियुक्ति को लेकर एक अलग रणनीति…!

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छत्तीसगढ़ के नए मंत्रिमंडल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश की जा रही थी । 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव की तैयारी को ध्यान में रखते हुए पार्टी के शेष नेतृत्व में नए अध्यक्ष के नाम पर लगभग अंतिम निर्णय ले लिया है ।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दोनों उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने 17 दिसम्बर को दिल्ली में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और नितिन नवीन से मुलाकात कर उनका आभार प्रकट किया। 19 दिसंबर को विधानसभा के नए सत्र से पहले नए मंत्रिमंडल और नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर अंतिम मोहर लगाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी सहमति दी जा रही है।

नए प्रदेश अध्यक्ष की के रूप में दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल के नाम की चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब हो रही है । लेकिन भाजपा का आशीष लेते तो मंत्रिमंडल के साथ नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर कोई जल्दबाजी नहीं चाहता।

दरअसल प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और तीनों महासचिव केदार कश्यप विजय शर्मा और ओपी चौधरी चुनाव जीत कर विधायक बन चुके हैं । इनमें विजय शर्मा तो पहले ही उपमुख्यमंत्री बन गए हैं, बाकी दो महासचिव भी मंत्री बनने की रेस में शामिल है।

ऐसे में भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में जो बहुत बड़ा बदलाव होगा उसे जांच परख कर अंतिम रूप दिया जाएगा ! जिससे सीधे तौर पर लोकसभा चुनाव की तैयारी प्रभावित होगी ।
आदिवासी मुख्यमंत्री और ओबीसी उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद अब संतुष्ट एससी वर्ग को भी पूरी तरह संतुष्ट करने के लिए एक अलग रणनीति पर विचार चल रहा है ।

राष्ट्रबोध को पार्टी सूत्र ने बताया कि संगठन में नई नियुक्ति और मंत्रिमंडल के गठन की तारीखों में ज्यादा अंतर नहीं होगा। नई पीढ़ी के नेताओं को भरपूर मौका दिया जाएगा ! फिलहाल पार्टी का पूरा फोकस मंत्रिमंडल के गठन के साथ चुनावी वादों को पूरा करने में है।

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