BPSC का सख्त एक्शन: फर्जी प्रश्नपत्र के नाम पर छात्रों को गुमराह करने वाले कोचिंग संस्थान निशाने पर

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परीक्षार्थियों से अपील – अफवाहों से बचें, सिर्फ आधिकारिक नोटिस पर करें भरोसा

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने कोचिंग संस्थानों और सोशल मीडिया पर फैल रही झूठी खबरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हाल ही में कुछ कोचिंग संचालकों और तथाकथित शिक्षकों ने दावा किया था कि उनकी प्रैक्टिस बुकलेट्स और प्रश्न श्रृंखलाएं असली परीक्षा प्रश्नपत्रों से मेल खाती हैं।

BPSC ने इन दावों को पूरी तरह फर्जी, भ्रामक और व्यावसायिक लाभ के उद्देश्य से फैलाया गया बताया है। आयोग ने 19 अगस्त 2025 को जारी आधिकारिक नोटिस में साफ कर दिया कि परीक्षा प्रश्नपत्र एक मानकीकृत और सुरक्षित प्रक्रिया से तैयार होते हैं, जिन्हें किसी भी निजी संस्था द्वारा कॉपी किया जाना संभव ही नहीं।


पहले भी झूठे दावों की पोल खुल चुकी

आयोग के अनुसार यह कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई बार इस तरह की अफवाहें उड़ाई गई थीं। जांच में वे सभी दावे गलत साबित हुए और यहां तक कि हाईकोर्ट ने भी इन्हें पूरी तरह अवैध और निराधार करार दिया।


क्यों असंभव है सवालों का मेल खाना?

BPSC ने अपनी प्रक्रिया स्पष्ट करते हुए कहा:

  • प्रश्न आधिकारिक प्रश्न बैंक से यादृच्छिक (random) रूप से चुने जाते हैं।

  • परीक्षा के लिए अलग-अलग सेट्स तैयार किए जाते हैं।

  • पूरी प्रक्रिया गोपनीय और मानकीकृत होती है।

ऐसे में किसी कोचिंग के नोट्स या प्रैक्टिस बुक का असली प्रश्नपत्रों से मेल खाना महज़ संयोग हो सकता है, न कि सच्चाई।


परीक्षार्थियों को सलाह

आयोग ने उम्मीदवारों से अपील की है कि वे:

  • अफवाहों पर ध्यान न दें

  • अपनी तैयारी केवल मेहनत और लगन से करें।

  • और सबसे महत्वपूर्ण – केवल BPSC की आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें।


कुल मिलाकर, BPSC का यह कदम न सिर्फ छात्रों की प्राइवेसी और भविष्य की सुरक्षा की दिशा में है, बल्कि उन संस्थानों के खिलाफ भी चेतावनी है जो झूठे दावों से परीक्षा को बिज़नेस बना रहे हैं।

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