छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाले दो मामले सामने आए हैं। एक तरफ प्राइमरी स्कूल की छात्रा को बेरहमी से पीटकर उसका पैर तोड़ने वाले हेड मास्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है, वहीं दूसरी ओर नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचने वाले एक और हेड मास्टर को निलंबित कर दिया गया है।
मासूम छात्रा की हड्डी तोड़ दी
25 जुलाई को शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के कंजिया प्राथमिक स्कूल में पदस्थ हेड मास्टर हीरालेओस टोप्पो ने दूसरी कक्षा की छात्रा की इतनी पिटाई कर दी कि उसका पैर टूट गया। मासूम को अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
परिजनों ने मामले की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम और गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की और आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार किया।
क्लास में बात करने पर टूटा पैर
जानकारी के मुताबिक, दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ललित यादव से क्लासरूम में बात करने पर हेड मास्टर नाराज हो गया और उसने बच्ची की बेरहमी से पिटाई कर दी। इस घटना के बाद परिवार को इलाज कराने के साथ-साथ इंसाफ के लिए संघर्ष करना पड़ा। पहले मामला दबाने की कोशिश की गई, लेकिन अब पुलिस ने कार्रवाई की है।
नशे में स्कूल आया दूसरा हेड मास्टर
इसी बीच 12 अगस्त को बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक स्थित रूपपुर प्राथमिक स्कूल में तैनात हेड मास्टर मनमोहन सिंह शराब के नशे में स्कूल पहुंच गया। वह बोल बम का भगवा चड्डा पहनकर क्लास में आ गया और डेस्क पर पैर रखकर बैठ गया।
जब लोगों ने पूछा तो उसने कहा— “डॉक्टर ने इलाज के लिए रोज़ 100-200 ग्राम पीने की सलाह दी है।”
डीईओ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया।
पहले भी मिल चुके थे नोटिस
स्थानीय लोगों का कहना है कि हेड मास्टर अक्सर नशे में स्कूल आता है। पहले भी उसे दो बार नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उसने कोई सुधार नहीं किया।
शिक्षा विशेषज्ञों की चिंता
शिक्षाविद् जवाहर सूरी शेट्टी का कहना है—
“यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो शिक्षक बच्चों को शिक्षा देने के लिए जिम्मेदार हैं, वही शराब पीकर स्कूल आ रहे हैं। यह सिर्फ अनुशासन का मुद्दा नहीं है, बल्कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। पहली गलती पर शिक्षकों की काउंसलिंग होनी चाहिए, लेकिन बार-बार गलती करने वालों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।”