25 साल की मेहनत पर पानी फिर जाएगा अगर भरोसा टूटा”
अमेरिका की पूर्व यूएन राजदूत निक्की हेली ने ट्रम्प प्रशासन को भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर सख्त चेतावनी दी है।
न्यूज़वीक में लिखे अपने आर्टिकल में उन्होंने कहा—
भारत पर टैरिफ लगाना और रिश्तों में दरार डालना, एक बड़ी रणनीतिक गलती साबित होगी।
“भारत-अमेरिका की मंज़िल एक”
हेली ने आर्टिकल की शुरुआत 1982 में इंदिरा गांधी और राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की मुलाकात से की। उस समय रीगन ने कहा था—
“हमारे रास्ते अलग हो सकते हैं, पर मंज़िल एक है।”
लेकिन आज, चार दशक बाद, हेली मानती हैं कि दोनों देशों के रिश्ते कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
चीन पर ढिलाई, भारत पर सख्ती क्यों?
हेली ने सवाल उठाया कि—
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रूस से तेल खरीदने पर भी चीन पर कोई रोक नहीं।
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लेकिन भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लगा दिया गया।
उनके मुताबिक, यह रवैया अमेरिका-भारत साझेदारी पर खतरा डालता है।
क्यों जरूरी है भारत?
निक्की हेली के अनुसार—
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भारत ही एशिया में चीन की ताकत का संतुलन बना सकता है।
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भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और जल्द ही जापान को पछाड़ देगा।
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भारत का उभार चीन की महत्वाकांक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन फर्क ये है कि भारत लोकतंत्र है—इसलिए उसका उभार खतरा नहीं, अवसर है।
हेली का ट्रम्प को सुझाव
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भारत को विरोधी नहीं, लोकतांत्रिक सहयोगी की तरह देखें।
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व्यापार और रूसी तेल जैसे मुद्दों पर बातचीत ज़रूरी है, लेकिन इन्हें रिश्तों में दीवार न बनने दें।
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चीन से मुकाबला करने और सप्लाई चेन को विविध बनाने के लिए भारत सबसे अहम पार्टनर है।
अंतिम चेतावनी
निक्की हेली ने साफ कहा—
“अगर अमेरिका ने भारत से भरोसा तोड़ा, तो दशकों से बना विश्वास खत्म हो जाएगा और चीन इसका सबसे बड़ा फायदा उठा लेगा।”