मध्यस्थता की नई पहल: मध्यस्थता में अब निष्पादन प्रकरण भी किए जाएंगे सम्मिलित

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-न्यायालयों में लंबित निष्पादन प्रकरणों की संख्या में आएगी कमी, पक्षकारों को मिलेगा सरल और त्वरित न्याय

दुर्ग, 21 अगस्त 2025/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं माननीय उच्चतम न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के संयुक्त निर्देशन में 01 जुलाई 2025 से 07 अक्टूबर 2025 तक कुल 90 दिवस तक चलने वाले कार्यक्रम ’’मीडियेशन फॉर द नेशन’’ के संबंध में न्यायालयीन प्रणाली में लंबित वादों के शीघ्र और सौहार्दपूर्ण निपटारे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा मध्यस्थता की एक नई पहल की शुरुआत की जा रही है।
   प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पहल के अंतर्गत जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग के मध्यस्थता केन्द्र में अब मध्यस्थता की प्रक्रिया में निष्पादन प्रकरणों को भी सम्मिलित किया जाएगा। प्रायः न्यायालयों में डिक्री या आदेश पारित होने के बाद भी उनके निष्पादन में समय लगता है, जिससे पक्षकारों को अपेक्षित लाभ शीघ्र प्राप्त नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में मध्यस्थता के माध्यम से निष्पादन संबंधी विवादों का समाधान कराया जा सकेगा। इस व्यवस्था से पक्षकारों को शीघ्र और संतोषजनक समाधान मिलेगा, अनावश्यक लंबी न्यायिक कार्यवाही से राहत मिलेगी, आपसी सहमति एवं सौहार्दपूर्ण संबंधों को बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह कदम न्यायालयों में लंबित निष्पादन प्रकरणों की संख्या को कम करने तथा जनता को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग की महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक पहल है। इस नई पहल से न्यायालयों में लंबित निष्पादन प्रकरणों की संख्या में कमी आएगी और पक्षकारों को सस्ता, सरल और त्वरित न्याय प्राप्त होगा।।

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