23 अगस्त 2025
CBI ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) और अनिल अंबानी के ठिकानों पर छापेमारी की।
आरोप: SBI और अन्य बैंकों से 2000 करोड़+ का लोन फ्रॉड।
FIR दर्ज, मनी ट्रेल खंगाल रही जांच एजेंसियां।
केस की जड़
-
2017-2019: यस बैंक ने RCOM से जुड़ी कंपनियों को करीब ₹2000 करोड़ का लोन दिया।
-
पैसा गलत इस्तेमाल, नियम तोड़े गए।
-
लोन एवरग्रीनिंग (पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए लोन) का खेल सामने आया।
जांच में क्या मिला?
-
फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर।
-
बिना वेरिफिकेशन कंपनियों को लोन।
-
लोन डॉक्यूमेंट्स में भारी गड़बड़ियां।
-
एक ही डायरेक्टर/पते वाली कई कंपनियां।
-
शेयरहोल्डर्स और निवेशकों को गलत जानकारी।
SBI के बड़े आरोप
-
RCOM ने कुल ₹31,580 करोड़ का लोन लिया।
-
₹13,667 करोड़ से दूसरे कर्ज चुकाए।
-
₹12,692 करोड़ रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों को ट्रांसफर।
-
SBI ने RCOM को ‘फ्रॉड’ घोषित किया।
ED और CBI का एक्शन
-
जुलाई में ED ने 35+ ठिकानों पर छापे मारे थे।
-
अब CBI की बड़ी रेड से जांच तेज़।
-
NCLT में अनिल अंबानी के दिवालियापन की प्रक्रिया भी पेंडिंग।
बड़ी तस्वीर:
CBI और ED का मानना है कि यह “सोचा-समझा धोखाधड़ी नेटवर्क” था।
बैंकों, निवेशकों और जनता के पैसों का गलत इस्तेमाल किया गया।
अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है।