ट्रम्प बोले- “CEO ने अपनी नौकरी बचाने के लिए डील कर ली”
अमेरिकी टेक सेक्टर में बड़ी हलचल! अमेरिकी सरकार ने चिप मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज Intel में 10% स्टेक ले लिया है। इस ऐतिहासिक डील के तहत सरकार कंपनी को करीब 8 बिलियन डॉलर (₹68,100 करोड़) की सब्सिडी देगी।
अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा:
“अमेरिका अब Intel का 10% मालिक है। यह डील सेमीकंडक्टर सेक्टर को मजबूती देगी और हमारी टेक इंडस्ट्री को सुरक्षित बनाएगी।”
ट्रम्प का तंज: “CEO जॉब बचाने आए थे”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में Intel के CEO लिप-बू टैन से मुलाकात की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने चीन से कथित रिश्तों पर टैन से इस्तीफे की बात छेड़ी थी।
डील के बाद ट्रम्प ने मजाक में कहा:
“CEO अपनी नौकरी बचाने आए थे, लेकिन 10 बिलियन डॉलर की डील कर गए। ये उनके लिए बहुत अच्छी डील है।”
क्यों अहम है यह निवेश
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चिप मैन्युफैक्चरिंग में बूस्ट: Intel अमेरिका की इकलौती कंपनी है जो हाई-एंड मॉडर्न चिप्स बनाती है।
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AI चिप्स रेस में पिछड़ना: पिछले कुछ सालों में Intel, Nvidia और AMD जैसी कंपनियों से पीछे हो गई थी।
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ओहायो प्रोजेक्ट पर फोकस: कंपनी की ओहायो फैक्ट्री अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक रणनीति का अहम हिस्सा है।
CHIPS एक्ट के तहत डील
यह सौदा 2022 के CHIPS एक्ट के तहत हुआ।
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Intel को पहले ही 7.8 बिलियन डॉलर की सब्सिडी मंजूर हो चुकी है।
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अब सरकार का प्लान है कि 5.7 बिलियन डॉलर और कुछ अतिरिक्त फंडिंग सीधे Intel के शेयरों में लगाए जाएं।
मार्केट रिएक्शन
सरकारी हिस्सेदारी की खबर के बाद Intel का शेयर 7% उछलकर $25 पार कर गया, हालांकि बाद में यह 5.53% ऊपर $24.80 पर बंद हुआ।
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पिछले 6 महीने में: +2.18%
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1 साल में: +20.74%
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5 साल में: -49.68% (आधी वैल्यू)
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मार्केट कैप: $108.5B (₹9.47 लाख करोड़)
कुल मिलाकर, यह डील Intel के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। अमेरिका अब खुद की टेक सप्लाई चेन को सुरक्षित करने और चिप वॉर में बढ़त लेने के लिए सीधे खेल में उतर चुका है।