अगले वेतन आयोग की प्रतीक्षा कर रहे 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर है। आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसलटेटिव मशीनरी ने एक नया प्रस्ताव पेश किया है, जो कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों के लिए लाभकारी हो सकता है।
प्रस्ताव में क्या नया है?
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न्यूनतम वेतन की गणना अब 5 सदस्यीय परिवार के आधार पर की जाए।
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इसमें बुजुर्ग माता-पिता को भी शामिल किया जाए।
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सातवें वेतन आयोग में पुरुष = 1 यूनिट, पत्नी = 0.8 यूनिट, दो बच्चे = 0.6 यूनिट माना गया था।
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काउंसिल का तर्क: बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल परिवार की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है, इसलिए वेतन कैलकुलेशन में उन्हें भी यूनिट में शामिल किया जाना चाहिए।
सैलरी और पेंशन में बदलाव
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सैलरी स्ट्रक्चर में लेवल अपग्रेडेशन का सुझाव:
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लेवल 1 → लेवल 2
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लेवल 3 → लेवल 4
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लेवल 5 → लेवल 6
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इससे कर्मचारियों को बेहतर वेतन और ग्रोथ मिलेगी।
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पेंशनर्स के लिए:
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बदलाव के हिस्से को 12 साल बाद बहाल करने की सिफारिश।
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हर 5 साल में पेंशन बढ़ोतरी की सलाह।
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संसदीय स्थायी समिति ने भी इन सुझावों का समर्थन किया है।
⚙️ आठवां वेतन आयोग क्या है?
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वेतन आयोग कर्मचारियों और सरकार के बीच संवाद का प्रमुख मंच है।
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हर 10 साल में नया आयोग गठित किया जाता है।
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इसमें अधिकारी और कर्मचारी संघ अपनी समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास करते हैं।
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अनुमानित खर्च: 2.4 से 3.02 लाख करोड़ रुपये।
⏳ लागू होने की संभावना
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यदि नियम और शर्तें 2025 के अंत तक मंजूर हो जाती हैं, तो आयोग को अपनी सिफारिश तैयार करने में लगभग डेढ़ साल लग सकते हैं।
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इसके बाद सरकार को 3 से 9 महीने का समय लग सकता है।