रियल-मनी गेमिंग बैन होने से कंपनी ने हाथ खींचे, BCCI बोला- अब ऐसी कंपनियों से दूरी
एशिया कप 2025 से पहले भारतीय क्रिकेट टीम का सबसे बड़ा स्पॉन्सर Dream11 अब टीम इंडिया की जर्सी पर नहीं दिखेगा।
25 अगस्त को BCCI सेक्रेटरी देवजीत साइकिया ने ऐलान किया कि रियल-मनी गेमिंग को लेकर नया कानून लागू होने के बाद Dream11 ने 358 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट बीच में ही खत्म कर दिया है।
BCCI ने साफ किया:
“भविष्य में ऐसी किसी भी कंपनी के साथ बोर्ड कोई स्पॉन्सरशिप डील नहीं करेगा।”
डील की 3 बड़ी बातें
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Dream11 हर घरेलू मैच के लिए ₹3 करोड़ और विदेशी मैच के लिए ₹1 करोड़ देता था।
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2026 में खत्म होना था कॉन्ट्रैक्ट, लेकिन नया कानून आते ही खत्म।
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स्पेशल क्लॉज के कारण Dream11 को कोई पेनल्टी नहीं लगेगी।
⚖️ नया कानून बना गेमचेंजर
22 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 कानून बन गया।
इसमें सभी रियल-मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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ऐसे गेम ऑफर करने पर 3 साल की जेल और ₹1 करोड़ का जुर्माना।
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विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल जेल और ₹50 लाख का जुर्माना।
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ई-स्पोर्ट्स और फ्री गेम्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार का कहना है कि रियल-मनी गेम्स से:
लोगों को मानसिक-आर्थिक नुकसान,
परिवारों की बचत खत्म,
⚠️ मनी लॉन्ड्रिंग और सिक्योरिटी खतरे बढ़े।
Dream11 पर सबसे बड़ा असर
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कंपनी की 67% कमाई रियल-मनी गेमिंग से थी।
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CEO हर्ष जैन ने कहा:
“नए कानून के बाद रियल-मनी बिजनेस को जारी रखना नामुमकिन है।”
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Dream11 अब फ्री-टू-प्ले और ई-स्पोर्ट्स पर फोकस करेगी।
नए स्पॉन्सर की रेस में दिग्गज
BCCI अब नए स्पॉन्सर के लिए टेंडर निकालेगा।
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टाटा ग्रुप – IPL का टाइटल स्पॉन्सर।
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रिलायंस जियो – स्पोर्ट्स ब्रॉडकास्टिंग और स्पॉन्सरशिप में एक्टिव।
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अडाणी ग्रुप – खेलों में बड़े निवेश की तैयारी में।
गेमिंग इंडस्ट्री को झटका
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भारत का ऑनलाइन गेमिंग मार्केट ₹32,000 करोड़ का था,
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जिसमें 86% रेवेन्यू रियल-मनी गेम्स से आता था।
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अब इस कदम से 2 लाख नौकरियां खतरे में और ₹20,000 करोड़ टैक्स नुकसान का अनुमान।
बड़ा सवाल: क्या सरकार का यह कदम समाज को सुरक्षित करेगा या लाखों लोगों की नौकरियों पर ताला लगाएगा?
इस पर आपकी राय क्या है?