रविंद्र चौबे के बयान से खलबली, पीसीसी ने उठाया अनुशासन का डंडा

Spread the love

छत्तीसगढ़ की सियासत इन दिनों कांग्रेस के अंदरूनी घमासान से गरमाई हुई है।
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता रविंद्र चौबे ने हाल ही में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पक्ष में बड़ा बयान देकर पार्टी की कमान उनके हाथों में देने की बात कही।
अब खबर है कि इस बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने नाराजगी जताई है और अनुशासन समिति की बैठक बुलाई जा रही है।


चौबे का ‘बघेल प्रेम’ बयान

भूपेश बघेल के जन्मदिन पर चौबे बोले:

“प्रदेश की जनता चाहती है कि कांग्रेस की कमान भूपेश बघेल संभालें। 2028 में बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस फिर सत्ता में लौट सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बघेल ही वह नेता हैं जो पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहे हैं।

चौबे ने तंज कसते हुए कहा:

“ईडी भी सुन ले, भूपेश बघेल शेर हैं, डरने वाले नेता नहीं।”


️ कांग्रेस में कलह, पायलट तक पहुंची शिकायत

कई नेताओं ने चौबे के बयान को पार्टी में अस्थिरता फैलाने का प्रयास बताया और इसकी शिकायत प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से कर दी है।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा:

“चौबे महाज्ञानी नेता हैं, उनके बयान पर कोई टिप्पणी नहीं।”
लेकिन भीतरखाने में खींचतान साफ दिख रही है।


विपक्ष का तंज

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस की इस कलह पर चुटकी ली:

“कांग्रेस में झगड़े कोई नई बात नहीं। जनता और पार्टी को भूपेश बघेल पर भरोसा नहीं रहा, चौबे के भरोसे से क्या होगा?”


बड़ा सवाल:

क्या चौबे का बयान कांग्रेस में लीडरशिप चेंज की बुनियाद रख रहा है?
या फिर यह सिर्फ पार्टी के अंदर पावर प्ले का हिस्सा है?
जो भी हो, छत्तीसगढ़ की राजनीति इस बयान से गरमा गई है।


निचोड़:
कांग्रेस के भीतर का असंतोष अब खुलकर सामने आ रहा है। भूपेश बघेल को लेकर बयानबाजी और अनुशासन समिति की तलवार दिखा रही है कि पार्टी में “खेमेबाजी” का दौर तेज हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *