तियानजिन, चीन | 31 अगस्त – 1 सितंबर 2025
चीन के तियानजिन शहर में होने वाला शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन 2025 इस बार बेहद खास रहने वाला है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत करेंगे। इस दो दिवसीय समिट में 20 से अधिक देशों के शीर्ष नेता शिरकत करेंगे।
सात साल बाद पीएम मोदी का चीन दौरा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा खास इसलिए भी अहम है क्योंकि वे 7 साल बाद चीन जा रहे हैं। पिछली बार पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान हुई थी। ऐसे में तियानजिन में यह आमना-सामना भारत-चीन संबंधों में नई दिशा तय कर सकता है।
SCO निमंत्रण के साथ बढ़ी उम्मीदें
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 18-19 अगस्त को भारत आकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने शी जिनपिंग का संदेश और SCO सम्मेलन का औपचारिक निमंत्रण सौंपा। पीएम मोदी ने भी चीन की SCO अध्यक्षता को समर्थन दिया और कहा:
“भारत और चीन के बीच स्थिर और भरोसेमंद रिश्ते एशिया और पूरी दुनिया में शांति व समृद्धि के लिए जरूरी हैं।”
मोदी की व्यस्त शेड्यूल वाली डिप्लोमैटिक यात्रा
सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी इस सम्मेलन के दौरान कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। समिट के बाद उनका भारत लौटने का कार्यक्रम है, जबकि राष्ट्रपति पुतिन चीन में कुछ और दिन रुककर बीजिंग की WWII परेड में शामिल होंगे।
इस SCO समिट को एशियाई राजनीति का पावर सेंटर मोमेंट माना जा रहा है, जहां तीन बड़े नेताओं – मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की बातचीत से क्षेत्रीय रणनीति और वैश्विक समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।