*सदभावना मंच व्दारा क्षमा याचना पर्व पर आयोजित हुआ कार्यक्रम*

Spread the love
खंडवा। पर्युषण पर्व जैन समाज का सबसे बड़ा पर्व है, जो आत्मा की शुद्धि और आत्मचिंतन का पर्व है। इस दौरान जैन अनुयायी उपवास, ध्यान और स्वाध्याय करते हैं। “पर्युषण” का अर्थ है “आत्म-आराधना”। यह पर्व क्रोध, मोह, लोभ जैसे नकारात्मक भावों को त्यागकर क्षमा और करुणा अपनाने की प्रेरणा देता है। उपवास, जप, तप और ध्यान जैसी साधनाओं द्वारा इंद्रियों को संयमित किया जाता है। इस पर्व के समापन को क्षमापना या मिच्छामि दुक्कड़म् (क्षमा याचना) के रूप में मनाया जाता है। यह बात सदभावना मंच संस्थापक प्रमोद जैन ने मालीकुआं स्थित मंच कार्यालय में उपस्थित गणमान्यजनों को पर्युषण पर्व के अवसर पर क्षमा याचना के रूप में कहीं। यह जानकारी देते हुए मंच के निर्मल मंगवानी ने बताया कि इस अवसर पर उपस्थितजनों ने एक दूसरे से गले मिलकर पूर्व में हुई भूल के लिए क्षमा याचना मांगी। इस मौके पर मंच संस्थापक प्रमोद जैन, पूर्व डीएसपी आनंद तोमर, डा. जगदीशचन्द्र चौरे, गणेश भावसार, सुरेंद्र गीते, केबी मंसारे, सुनील सोमानी, राजा शर्मा, कैलाश शर्मा, रजत सोहनी, ओम पिल्ले, मनीष गुप्ता, अशोक जैन, अर्जुन बुंदेला, महेश मुलचंदवानी, डा. एमएम कुरेशी, निर्मल मंगवानी, राधेश्याम शाक्य, राजेश पोरपंथ, एनके दवे, तिलोक चौधरी, योगेश गुजराती, कमल नागपाल, अशोक पारवानी, विजया दिवेदी, बी डी सराफ, सुभाष मीणा, कैंलाश पटेल आदि सहित अनेक मंच सदस्य उपस्थित थे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *