देशभर में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जारी NARI (National Annual Report & Index) 2025 ने चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं।
31 बड़े शहरों पर हुए इस सर्वे के मुताबिक:
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सबसे सुरक्षित शहर: कोहिमा, विशाखापट्टनम, गंगटोक, ईटानगर, आइजोल, भुवनेश्वर और मुंबई
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सबसे असुरक्षित शहर: पटना, जयपुर, फरीदाबाद, दिल्ली, कोलकाता, श्रीनगर और रांची
सुरक्षा के मानक (Why These Cities are Safe)
रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षित शहरों में:
✔️ बेहतर नागरिक अधिकार और समानता
✔️ पुलिस की त्वरित मदद और भरोसा
✔️ महिला-फ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर
जबकि असुरक्षित शहरों में इन सुविधाओं की भारी कमी पाई गई।
रिपोर्ट के आंकड़े (Survey Insights)
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सर्वे में शामिल महिलाएं: 12,770
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शामिल शहर: 31
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सर्वे में पूछे गए मुद्दे:
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व्यक्तिगत सुरक्षा का अनुभव
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उत्पीड़न की घटनाएं
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पुलिस और प्रशासन पर भरोसा
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राष्ट्रीय महिला आयोग (NMC) की अध्यक्ष विजया राहटकर ने यह रिपोर्ट जारी की।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट: सबसे बड़ा डर
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91% महिलाओं ने कहा, ऑफिस और वर्कप्लेस सुरक्षित हैं
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पब्लिक ट्रांसपोर्ट (बस/ऑटो/कैब) को सबसे असुरक्षित बताया
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86% छात्राएं दिन में कॉलेज में सुरक्षित महसूस करती हैं, पर रात में डर बढ़ जाता है
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40% महिलाओं ने अपने शहर को “कम सुरक्षित” या “असुरक्षित” माना
उत्पीड़न पर चुप्पी
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सिर्फ 7% महिलाओं ने 2024 में पब्लिक प्लेस पर उत्पीड़न की रिपोर्ट की
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24 साल से कम उम्र की लड़कियों में उत्पीड़न दर: 14%
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उत्पीड़न की जगह:
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38% ने पड़ोस को सबसे खतरनाक बताया
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29% ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट को
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शिकायत दर्ज करने वालों का आंकड़ा सिर्फ 1/3
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नतीजा: NCRB डेटा अधूरा
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निष्कर्ष:
रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा सिर्फ अपराध पर नियंत्रण तक सीमित नहीं, बल्कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, जागरूकता और भरोसेमंद प्रशासन से भी जुड़ा है।