दुर्ग, 29 अगस्त 2025/ जिले के सहकारी समितियों में कृषकों के मांग अनुरूप फसल खरीफ 2025 हेतु पर्याप्त मात्रा में यूरिया एवं अन्य उर्वरकों का 43965 मि.टन उपलब्धता के विरूद्ध 40930 मि.टन वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में प्राथमिक सहकारी समितियों में 3035 मि.टन शेष है, जो कि गत वर्ष में वितरण किये गये सम्पूर्ण मात्रा से 04 प्रतिशत अधिक है। और वर्तमान में उर्वरक वितरण की कार्यवाही लगातार जारी है।
उप संचालक कृषि के अनुसार कृषकों द्वारा यूरिया उर्वरक की मांग के अनुरूप सहकारी समितियों में 893 मि.टन खाद उपलब्ध है तथा जिले के सभी सहकारी समितियों में शून्य स्कंध की स्थिति न बने इसके लिए लगातार विभाग द्वारा आवश्यक समन्वय किया जा रहा है। वर्तमान में यूरिया की संभावित कमी को देखते हुए नैनो यूरिया का उपयोग कृषकों द्वारा किया जा रहा है। साथ ही नैनो यूरिया के उपयोग हेतु कृषकों के मध्य मैदानी अमलों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कर नैनो यूरिया का उठाव किया जा रहा है। जिले के समितियों में अब तक 3274 नग का भण्डारण तथा 1648 नग वितरण कृषकों को किया गया है। शेष 1626 नग नैनो यूरिया का उपयोग हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिले में यूरिया के साथ अन्य उर्वरकों का भी मांग अनुरूप वितरण का कार्य जारी है। कृषकों को अवगत कराया जा रहा है कि नैनो यूरिया का उपयोग फसल में दो बार क्रमशः अंकुरण के 30-35 दिवस पश्चात् एवं 50-55 दिवस पश्चात छिड़काव करने से पारंपरिक विधि की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत यूरिया की बचत होती है। साथ ही कृषि विभाग द्वारा जिले के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। निर्धारित मूल्य पर कृषकों को उर्वरक उपलब्ध कराने अद्यतन 266 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, जिसमें से 53 प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस, 01 प्रतिष्ठान का लाइसेंस निरस्त, 09 प्रतिष्ठान का जब्ती एवं 10 प्रतिष्ठान का विक्रय प्रतिबंध की कार्यवाही किया गया है।
कलेक्टर द्वारा संबंधित प्रतिष्ठानों में कृषि विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर उनकी उपस्थिति में निर्धारित मूल्य पर विक्रय करने एवं मांग अनुरूप उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिये गये है। सहकारी एवं निजी क्षेत्र में यूरिया 991 मि.टन, एस.एस.पी. 1690 मि.टन, एम.ओ.पी. 639 मि.टन डी.ए.पी. 774 मि.टन अन्य 413 मि.टन इस प्रकार कुल 4506 मि.टन उपलब्ध है। किसान भाइयों से अपील की गई है कि निर्धारित दर पर आवश्यकतानुसार उर्वरकों का उठाव कर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का उपयोग करना सुनिश्चित करें।