उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश ने तबाही मचा दी है। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में शनिवार (30 अगस्त) को बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। वहीं रियासी जिले में भूस्खलन से एक घर मलबे में दब गया, जिसमें एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत की आशंका है।
मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब समेत पांच राज्यों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
रामबन के राजगढ़ इलाके में कई घर तबाह हो गए हैं। नदी-नाले उफान पर हैं और प्रशासन, पुलिस व सेना की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी राहत शिविर बनाए गए हैं।
रियासी का दर्दनाक हादसा
रियासी जिले के माहोर के बद्दर गांव में तड़के भारी बारिश से भूस्खलन हुआ। एक मकान मलबे में दब गया, जिसमें मकान मालिक नज़ीर अहमद, उनकी पत्नी और पांच बच्चे दब गए। सातों के मारे जाने की आशंका है। बचाव टीमें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं।
उत्तराखंड में भी भारी तबाही
शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिलों में बादल फटने और भूस्खलन से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग लापता हैं। मकानों के ढहने और सड़कों के टूटने से लोगों में दहशत है।
जम्मू-कश्मीर में लगातार आपदाएं
अगस्त महीने में जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी और डोडा जिलों में 36 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कई गांव अब भी बाढ़ की चपेट में हैं।
किश्तवाड़ का दर्द अब भी ताज़ा
14 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के चिशोटी गांव में बादल फटने से 60 से अधिक लोगों की जान गई थी। समुद्र तल से 9,000 फीट की ऊंचाई पर बसे इस इलाके में अचानक पानी का सैलाब आ गया था। कई लोग आज भी लापता हैं।
यह बारिश और आपदाओं का दौर उत्तर भारत में अभी थमा नहीं है। IMD का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक मौसम का यही मिज़ाज रहने वाला है।