छत्तीसगढ़ और सेल में पहला चिकित्सालय: ऐतिहासिक उपलब्धि
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य चिकित्सालय पं जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (जेएलएनएच एंड आरसी), सेक्टर-9 भिलाई के ब्लड सेंटर ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त की है। यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ राज्य में बल्कि पूरे सेल के अस्पतालों में पहली बार किसी ब्लड सेंटर को प्राप्त हुई है।
यह सफलता कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. एम. रविंद्रनाथ और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. विनीता द्विवेदी सहित अस्पताल के अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की समर्पित टीम के मार्गदर्शन और सतत प्रयासों से संभव हुई।
इस परियोजना का कानूनी निष्पादन एवं प्रलेखन डॉ. दीपक कुमार दासमोहपात्रा द्वारा किया गया, जिन्होंने एमओयू तैयार कर एनएबीएच पोर्टल पर आवश्यक विवरण अपलोड किया। आवेदन की संपूर्ण प्रक्रिया एसीएमओ डॉ. निली एस. कुजूर एवं कंसल्टेंट डॉ. दासमोहपात्रा के मार्गदर्शन में, एसीएमओ डॉ. अनिरुद्ध मेने और क्यूएमडी टीम की मदद से पूरी की गई। 20-21 जून 2025 को मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा अंतिम मूल्यांकन किया गया और सभी गैर-अनुपालनों के समाधान के उपरांत 11 अगस्त 2025 को औपचारिक रूप से मान्यता हेतु अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही जेएलएनएच एंड आरसी का ब्लड सेंटर अब देशभर के 4,200 से अधिक ब्लड सेंटरों में से चुनिंदा 100 मान्यता प्राप्त केंद्रों में शामिल हो गया है।
एनएबीएच भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) का एक घटक बोर्ड है, जो स्वास्थ्य सेवा संगठनों के लिए गुणवत्ता और सुरक्षा के कठोर मानक निर्धारित करता है। ब्लड सेंटर के संदर्भ में यह मान्यता इस बात की पुष्टि करती है कि सभी प्रक्रियाएँ वैज्ञानिक रूप से मान्य और मानक दिशा-निर्देशों के अनुरूप पूरी की जा रही हैं। इसमें दाताओं के स्वास्थ्य और पात्रता की जाँच कर उनकी स्क्रीनिंग करना, रक्त संग्रह की प्रत्येक प्रक्रिया में उचित प्रोटोकॉल का पालन करना, दान किए गए रक्त को पैक्ड रेड ब्लड सेल्स, फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा और प्लेटलेट्स जैसे विभिन्न घटकों में संसाधित करना, संक्रामक रोगों की पहचान हेतु व्यापक परीक्षण करना तथा रक्त के सुरक्षित भंडारण और समय पर वितरण के लिए उपयुक्त परिस्थितियाँ बनाए रखना शामिल है।
यह मान्यता जेएलएनएच अस्पताल एवं अनुसन्धान केंद्र की स्वास्थ्य सेवाओं में नेतृत्वकारी भूमिका को और सशक्त बनाती है, जो की छत्तीसगढ़ सहित पूरे सेल संगठन के लिए गौरव का विषय है। एनएबीएच मान्यता से यह सुनिश्चित होता है कि मरीजों को सुरक्षित और सर्वोत्तम गुणवत्ता का रक्त एवं रक्त उत्पाद उपलब्ध हो, साथ ही ब्लड सेंटर का संचालन अधिक कुशल, सुव्यवस्थित और निरंतर निगरानी में रहे। इस उपलब्धि से अस्पताल की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी, जिससे स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अतिरिक्त जेएलएनएच चिकित्सालय के ब्लड सेंटर ने छत्तीसगढ़ और सभी सेल इकाइयों में सर्वप्रथम इस प्रकार की मान्यता प्राप्त कर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नेतृत्व स्थापित करते हुए अन्य संस्थानों के लिए एक मिसाल कायम किया है।
इस उपलब्धि को हासिल करने में श्री शाहिद अहमद, डॉ. अनिरुद्ध मेने, डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. राजू भैंसारे, डॉ. मनीषा कांगो, डॉ. निली एस. कुजूर, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. प्रिया साहू, डॉ. गायत्री नट्टी, डॉ. आकांक्षा शर्मा, डॉ. प्रतीक शिवप्पा, श्री राजीव शर्मा, सुश्री रीता भटनागर, श्री सुधीर पांडे, ब्लड सेंटर विभाग की टीम सुश्री साजी, श्री संजय फुलज़ेले, श्री अजय कुमार आर्य, श्री कुलदीपक तिवारी, सुश्री मिनाक्षी चरण व श्री जितेंद्र, पैथोलॉजी विभाग और क्यूएमडी टीम (सुश्री रेजी, सुश्री बीना, सुश्री लता) ने अहम योगदान दिया है।
यह उपलब्धि ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन के क्षेत्र में गुणवत्ता और रोगी सुरक्षा के प्रति जेएलएनएच एंड आरसी ब्लड सेंटर की अग्रणी भूमिका को और सुदृढ़ करती है।