बीजापुर – छत्तीसगढ़ के बस्तर में आई बाढ़ से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। लंबे समय बाद विकास की राह पर चल रहे बस्तर को प्रकृति ने गहरा जख्म दिया है जिसे भरने में समय लगेगा। संभाग के कई इलाकों में मकानों के साथ पुल-पुलियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। परिणामस्वरूप कई मार्ग पूरी तरह कट गए है।
बीजापुर-बारसूर-चित्रकोट सड़क पर माडर नाले में बना सालों पुराना पुल का एक हिस्सा पूरी तरह से बह गया है। यहां रेका गांव से बच्चे दो किमी दूर रेकावाया स्थित प्राइमरी स्कूल में पढ़ने जाते हैं। चढ़ने- उतरने के लिए गांव वालों ने देशी जुगाड़ जमाते हुए बल्लियों के साथ केबल तार को खींच रखा है। इन्हीं के सहारे लोगों के साथ बच्चे भी चढ़- उतर रहे हैं। यह जोखिम भरा है, बावजूद बच्चे स्कूल ऐसे ही जोखिम उठाकर स्कूल जा रहे हैं।
दर्जनों गांव का संपर्क टूटा
बस्तर संभाग के जिला मुख्यालय से दर्जनों गांवों का आपस में संपर्क टूटा हुआ है। यहां तक की पुल- सड़क सब बह गया है जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि, लोग अब बल्लियों, केबल तार की मदद से पुल चढ़ और उतर रहे हैं। लोगों के साथ ऐसा ही जोखिम स्कूली बच्चे भी उठा रहे हैं।