राजस्थान के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक बार फिर सुर्खियों में आए हैं। उन्होंने पूर्व विधायक के नाते मिलने वाली पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में आवेदन किया है। बता दें, धनखड़ वर्ष 1993 से 1998 तक किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं।
पूर्व उपराष्ट्रपति बनने से पहले उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन प्राप्त हो रही थी, लेकिन राज्यपाल बनने के बाद यह रोक दी गई थी। अब उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पेंशन पुनः शुरू करने के लिए आधिकारिक रूप से आवेदन किया है।
विधानसभा सचिवालय में शुरू हुई प्रक्रिया
बता दें, धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर, सचिवालय में पेंशन के लिए आवेदन किया है। जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्हें पेंशन इस्तीफे की स्वीकृति की तिथि से पूर्व विधायक के रूप में मिलनी शुरू होगी। विधानसभा के नियमानुसार, यदि कोई पूर्व विधायक सरकारी पद पर नियुक्त होता है तो उसकी पेंशन रोक दी जाती है। और कार्यकाल पूर्ण होने के बाद, तय प्रक्रिया के तहत नया आवेदन करने पर पेंशन फिर से शुरू हो सकती है।
मिलेगी तीन स्तरीय पेंशन
- उपराष्ट्रपति धनखड़ को अब तीन अलग-अलग पेंशन मिलेगी।
- पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में लगभग ₹2 लाख प्रतिमाह
- पूर्व सांसद के रूप में ₹31,000 प्रतिमाह
- पूर्व विधायक के रूप में ₹42,000 प्रतिमाह
- इस तरह उन्हें हर महीने कुल करीब ₹2.73 लाख की पेंशन मिलने की संभावना है।
पूर्व विधायक पेंशन की संरचना
राजस्थान में पूर्व विधायकों को मूल ₹35,000 मासिक पेंशन मिलती है। प्रत्येक अतिरिक्त कार्यकाल पर ₹1,600 प्रतिमाह जुड़ता है। साथ ही, 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को 20% अतिरिक्त राशि दी जाती है। ऐसे में धनखड़ एक बार के विधायक हैं और उनकी उम्र 75 वर्ष है, इसलिए उन्हें कुल ₹42,000 की पेंशन स्वीकृत होगी।