गणेशोत्सव की रौनक के बीच रायपुर में गणपति की मूर्तियों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सर्व हिंदू समाज के प्रतिनिधियों ने रायपुर पुलिस कप्तान को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि गणपति की पारंपरिक प्रतिमाओं से छेड़छाड़ करने वाले आयोजनों पर तुरंत रोक लगाई जाए और विवादित मूर्तियों का विसर्जन कराया जाए।
✋ क्या है विवाद?
हिंदू समाज का आरोप है कि रायपुर के कुछ पंडालों में इस बार गणपति को कार्टून और AI-जनरेटेड रूप में सजाया गया है।
समाज के प्रतिनिधियों का कहना है:
“भगवान गणेश देशभर में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। इस तरह के आधुनिक और विकृत स्वरूप धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए गलत संदेश दे रहे हैं।”
️ समाज का बयान
सर्व हिंदू समाज की विश्वदिनी पांडे ने कहा:
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“गणेश जी की प्रतिमाओं को कार्टून और क्यूटनेस के नाम पर बदलना परंपरा का मज़ाक है।”
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“इससे बच्चों और युवाओं में आस्था के बजाय मज़ाक का माहौल बन रहा है।”
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“भगवान गणपति का मूल स्वरूप ही उनकी पहचान है, कोई भी विकृति प्रयास अस्वीकार्य है।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की, तो हिंदू समाज सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगा।
फोटो सबूत के साथ ज्ञापन
प्रशासन को दिए गए ज्ञापन में उन मूर्तियों की तस्वीरें भी सौंपी गई हैं, जिन पर आपत्ति जताई गई है।
प्रशासन पर दबाव
समाज ने मांग की है कि विवादित पंडालों पर रोक लगाई जाए और विकृत मूर्तियों का तुरंत विसर्जन हो।
अन्यथा पुलिस और प्रशासन को आंदोलन की जिम्मेदारी उठानी होगी।
निष्कर्ष:
रायपुर का यह विवाद अब शहरभर में चर्चा का विषय है। गणेशोत्सव में पारंपरिकता और आधुनिकता के टकराव ने धार्मिक आस्था को लेकर नई बहस छेड़ दी है।