इस मिसाइल सिस्टम ने पहले ही 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के ऑर्डर के तहत आर्मेनिया को मिसाइलें बेचने में सफलता हासिल कर ली है। आर्मेनिया ने भारत के आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम का बड़ा ऑर्डर दिया।
रक्षा सेक्टर में भारत तेजी से ‘आत्मनिर्भर’ हो रहा है। दुनिया के कई देश अब भारत में बने हथियार खरीद रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण भारत का आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है। दरअसल भारत अपने स्वदेशी सैन्य हार्डवेयर के निर्यात का विस्तार करने में जुटा है। इस बीच फिलीपींस, ब्राजील और मिस्र सहित कई देशों ने आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की खरीद में रुचि दिखाई है। इस मिसाइल सिस्टम ने पहले ही 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के ऑर्डर के तहत आर्मेनिया को मिसाइलें बेचने में सफलता हासिल कर ली है। आर्मेनिया ने भारत के आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को खरीदने के लिए बड़ा ऑर्डर दिया है।
रक्षा अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया, “अगले कुछ महीनों में आर्मेनिया को डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद है। इस बीच, ब्राजील, मिस्र और फिलीपींस सहित कई देशों ने आकाश मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखाई है।” आकाश मिसाइल सिस्टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा तैयार किया है। यह मिसाइल दशकों से भारतीय सेना में तैनात है। इसके अलावा, काफी समय से आकाश टीम ने मिसाइल के कई एडवांस वर्जन तैयार किए गए हैं। मिडिल-ईस्ट में भी ऐसे देश हैं जिन्होंने आकाश मिसाइल सिस्टम की क्षमताओं को देखते हुए इसमें रुचि दिखाई है।
भारत ने आकाश मिसाइल प्रणाली की क्षमता का प्रदर्शन किया
हाल ही में भारत ने 25 किलोमीटर की दूरी पर एक साथ चार हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने की आकाश मिसाइल प्रणाली की क्षमता का प्रदर्शन किया था। डीआरडीओ ने कहा कि भारत सिंगल फायरिंग युनिट का इस्तेमाल करके ऐसी क्षमता रखने वाला पहला देश बन गया है। डीआरडीओ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “भारत एकल फायरिंग इकाई का उपयोग करके कमांड मार्गदर्शन द्वारा 25 किमी की दूरी पर एक साथ चार हवाई लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्रदर्शित करने वाला पहला देश बन गया। परीक्षण आईएएफ-एमसीसी द्वारा आकाश हथियार प्रणाली का उपयोग करके आयोजित किया गया था।”
यह जानकारी दी गई कि घरेलू मिसाइल प्रणाली की क्षमता को 12 दिसंबर को ‘अस्त्रशक्ति’ सैन्य अभ्यास में प्रदर्शित किया गया था। यह सैन्य अभ्यास भारतीय वायुसेना द्वारा आयोजित किया गया था। आकाश 25 किमी तक की मारक क्षमता वाली सतह से हवा में मार करने वाली एक कम दूरी की मिसाइल है जिसका उपयोग मुख्य रूप से संवेदनशील क्षेत्रों और केंद्रों को हवाई हमलों से बचाने के लिए किया जाता है। मिसाइल प्रणाली उन प्रमुख मंचों में से एक है जिसे भारत मित्र देशों को निर्यात कर रहा है।
आकाश हथियार प्रणाली को स्वदेशी रूप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है और अन्य उद्योगों के साथ रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा निर्मित किया गया है। आकाश को पिछले एक दशक से भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना द्वारा विभिन्न जगहों पर तैनात किया गया है। वर्तमान फायरिंग उस सिस्टम से की गई थी, जिसे सितंबर 2019 में वायुसेना के रिपीट ऑर्डर के रूप में खरीदा था। आकाश हथियार प्रणाली को डीआरडीओ वैज्ञानिकों द्वारा लगातार अपग्रेड भी किया जा रहा है और उन्हें दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व से अधिक ऑर्डर मिल सकते हैं।