सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल (आरएसएम) ने अगस्त 2025 में 20,000 टन से अधिक उच्च गुणवत्ता वाली लॉन्ग रेल का उत्पादन कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस रिकॉर्ड उत्पादन के साथ ही मिल ने भारतीय रेलवे को एक ही माह में 20 यूरो रेक प्रेषित कर अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया। इस उपलब्धि ने भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थिति को भारत के रेल बुनियादी ढांचे की रीढ़ के रूप में और सुदृढ़ किया है।
यह सफलता आरएसएम के कर्मचारियों की तकनीकी दक्षता, अटूट गुणवत्ता मानकों और समर्पण का परिणाम है। अगस्त माह में रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल ने न केवल अब तक का सर्वाधिक वेल्डेड पैनल उत्पादन दर्ज किया, बल्कि लॉन्ग रेल के क्षेत्र में भी सर्वोत्तम स्तर प्राप्त किया है।
लॉन्ग रेल पटरियों का उत्पादन देशभर में सुरक्षित, विश्वसनीय एवं उच्च गति वाली रेलगाड़ियों के संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 20,000 टन से अधिक उत्पादन और 20 यूरो रेक प्रेषण के साथ भिलाई इस्पात संयंत्र ने भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण अभियान को नई गति दी है व उच्च गति वाले रेल कॉरिडोर्स और मज़बूत फ्रेट नेटवर्क के निर्माण में योगदान देती है।
इस सफलता के केंद्र में संयंत्र प्रबंधन का सशक्त नेतृत्व और सामूहिक टीम वर्क रहा। मुख्य महाप्रबंधक (आरएसएम एवं आरटीएस) श्री तीर्थंकर दस्तीदार के मार्गदर्शन में मिल ने उत्कृष्ट परिणाम हासिल किए। उनके साथ महाप्रबंधक (मिल एवं फर्नेस) श्री प्रशांत खोंड, महाप्रबंधक (यांत्रिकी) श्री वी.एस. विनय कुमार, महाप्रबंधक (प्रचालन) श्री प्रशांत लाखे, महाप्रबंधक (विद्युत) श्री नितिन खरे, महाप्रबंधक (लॉन्ग रेल फिनिशिंग) श्री एम.के. साहू, महाप्रबंधक (आरटीएस) श्री एस. गुप्ता एवं श्री अतुल दुबे, महाप्रबंधक (आरसीएल) श्री के.वी. शंकर एवं महाप्रबंधक (आरसीएल) श्री जे.के. वर्मा ने अपनी-अपनी टीमों का नेतृत्व कर इस कीर्तिमान को संभव बनाया।
ऑपरेटरों, पर्यवेक्षकों, इंजीनियरों एवं सहायक कर्मचारियों के साथ-साथ आरएसएम, आरटीएस, आरसीएल एवं सेवाओं के विभागों ने चौबीसों घंटे समर्पण के साथ कार्य कर इस सफलता में योगदान दिया। साथ ही संचालन, अनुरक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, लॉजिस्टिक्स एवं सुरक्षा विभागों के अनुशासित सहयोग ने इन उपलब्धियों को और मजबूत किया।