टेस्ला के मालिक इलॉन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के फैक्ट चेक फीचर ने पूर्व अमेरिकी सलाहकार पीटर नवारो के भारत के रूसी तेल खरीद से जुड़े आरोपों को गलत साबित किया है।
X का नोट
X ने कहा कि भारत ऊर्जा सुरक्षा के लिए रूस से तेल खरीदता है, मुनाफे के लिए नहीं। यह कदम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करता। वहीं अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और अन्य चीजें खरीदता है, लेकिन भारत पर प्रतिबंध लगाता है। X ने इसे दोहरा रवैया बताया।
नवारो का आरोप
पीटर नवारो ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है, जिससे रूस की युद्ध मशीन को मदद मिलती है। उनका दावा था कि इससे यूक्रेन और रूस के लोग मर रहे हैं और अमेरिकी करदाता इसका पैसा बर्बाद कर रहे हैं।
X का जवाब
X ने नवारो के आरोपों की तुरंत जांच की और मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि भारत का रूस से तेल खरीदना एक निजी निर्णय है, और यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता।
नवारो की प्रतिक्रिया
नवारो X की जांच से भड़क गए और मस्क पर निशाना साधते हुए कहा, “यह नोट पूरी तरह बकवास है। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफे के लिए खरीदता है।” उन्होंने भारत की सरकारी मशीनरी पर झूठ फैलाने का आरोप भी लगाया।
‘मोदी वॉर’ और नवारो के अन्य दावे
27 अगस्त को ब्लूमबर्ग टीवी इंटरव्यू में नवारो ने यूक्रेन जंग को ‘मोदी वॉर’ कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे रिफाइन करता है और ऊंची कीमत पर बेचता है, जिससे रूस को युद्ध के लिए पैसा मिलता है।
अमेरिकी नुकसान और टैरिफ पर आरोप
नवारो ने भारतीय टैरिफ को भी निशाने पर रखा और कहा कि इससे अमेरिका के कामगार, कारोबार और करदाता प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना था कि भारत की नीतियों से अमेरिकी नौकरियां जा रही हैं और कारखाने बंद हो रहे हैं।
ब्राह्मणों और रूसी तेल
2 सितंबर को नवारो ने भारत के ब्राह्मणों पर रूसी तेल से मुनाफाखोरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदने के कारण सबसे ज्यादा टैरिफ और नुकसान आम भारतीय को झेलना पड़ रहा है।
निष्कर्ष
X ने साफ कर दिया कि भारत का रूस से तेल खरीदना केवल अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए है, और यह किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है। वहीं, नवारो का आरोप भारत की नीतियों और रूसी तेल पर आधारित दोहरा मानक दिखाता है।