दिल्ली पुलिस ने एक बड़े चाइल्ड ट्रैफिकिंग गैंग का पर्दाफाश किया है। साउथ-ईस्ट जिले की स्पेशल स्टाफ टीम ने इस इंटरस्टेट गिरोह के 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 6 मासूम बच्चों को मुक्त कराया। इनमें सबसे छोटा बच्चा मात्र 6 महीने का था, जिसे पुलिस ने 48 घंटे के भीतर गैंग के कब्जे से छुड़ाया।
गिरोह का काम-काज
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह केवल दिल्ली तक सीमित नहीं था, बल्कि आसपास के राज्यों में भी सक्रिय था। गिरोह के लोग नवजात और छोटे बच्चों को चोरी करके बेचते थे, खासकर उन दंपतियों को टारगेट करते थे जिनकी कोई संतान नहीं थी।
गिरोह का पर्दाफाश कैसे हुआ?
पुलिस को इस गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली। इसके बाद रेलवे पुलिस और क्राइम ब्रांच ने ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया।
डीसीपी (रेलवे) केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि यह कार्रवाई पिछले कई महीनों से चल रही थी। मामला पिछले साल की एक शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक महिला का ढाई साल का बेटा अपहृत हो गया था।
एनसीआर और आसपास के राज्य में फैला नेटवर्क
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और फोन लोकेशन के जरिए एक संदिग्ध महिला का पता लगाया। महिला बच्चे को ऑटो-रिक्शा में फरीदाबाद-बदरपुर टोल गेट के पास ले जा रही थी। छापेमारी में चार आरोपी पकड़े गए।
इन आरोपियों में स्वयंभू डॉक्टर और वकील का क्लर्क भी शामिल थे, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद पुलिस ने अन्य 6 आरोपियों को भी दिल्ली और आसपास के राज्यों से गिरफ्तार किया।
पुलिस की अगली कार्रवाई
दिल्ली पुलिस अभी इस मामले में पूरी जानकारी जुटा रही है और जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पूरे गिरोह और उसके कामकाज की जानकारी साझा करेगी।