छत्तीसगढ़ के बालोद, जांजगीर-चांपा और बिलासपुर के ग्रामीण इलाकों में धर्मांतरण को लेकर हंगामा हुआ। आरोप है कि कुछ लोग प्रार्थना सभा के नाम पर लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहे थे।
पुलिस ने तीन जिलों से 14 महिलाएँ और एक पास्टर समेत कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने आरोप लगाया कि कुछ ईसाई पास्टर निजी मकानों में लोगों को इकट्ठा कर अवैध रूप से धर्मांतरण करा रहे थे।
बालोद और गुण्डरदेही में कार्रवाई
पुलिस ने बालोद और गुण्डरदेही में अवैध प्रार्थना सभा का पर्दाफाश किया। पूछताछ के बाद पुलिस ने 22 लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की, जिनमें 8 पुरुष और 14 महिलाएँ शामिल थीं।
गुण्डरदेही के चैनगंज इलाके में पुलिस ने 40-45 लोगों को सामूहिक प्रार्थना करते हुए पकड़ा और हिरासत में लिया। हिरासत में लिए गए आरोपियों को एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया, जहां 8 को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा गया।
जांजगीर-चांपा में तनाव
गोधना गांव में धर्मांतरण को लेकर माहौल गरमाया। हिन्दू संगठनों ने प्रार्थना सभा का विरोध किया और आरोप लगाया कि घर में गुप्त रूप से धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुँचकर स्थिति नियंत्रण में की और 2 लोगों को हिरासत में लिया। इसके बाद ग्रामीण नवागढ़ थाने का घेराव कर आरोपियों की रिहाई की मांग करने लगे।
बिलासपुर में पास्टर गिरफ्तार
बिलासपुर में पुलिस ने प्रार्थना सभा आयोजित कर धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन देने पर पास्टर दिलीप बंजारे को गिरफ्तार किया। पास्टर ने सकुलकारी में प्राइवेट चर्च बनाया था और वहां लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहा था।
धर्म परिवर्तन के लिए दबाव और प्रताड़ना
सिविल लाइन थाना प्रभारी ने बताया कि भारतीयनगर निवासी पूजा सोनी ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उनके पति दुर्गेश सोनी और सास जानकी सोनी ने धर्म परिवर्तन कर लिया और पूजा को भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालकर प्रताड़ित किया।
इस घटना ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में धर्मांतरण और सामाजिक तनाव की गंभीरता को उजागर किया है। पुलिस की कार्रवाई जारी है और आरोपियों से पूछताछ करके पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा रहा है।