आईटी दिग्गज इंफोसिस जल्द ही शेयर बायबैक का ऐलान कर सकती है। कंपनी की बोर्ड मीटिंग 11 सितंबर को होने वाली है, जिसमें इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इस खबर के बाद इंफोसिस का शेयर NSE पर 5% की तेजी के साथ ₹1,504 पर ट्रेड कर रहा है। यह कंपनी का 2022 के बाद पहला और 1993 में लिस्टिंग के बाद पांचवां बायबैक होगा।
इंफोसिस शेयर बायबैक क्या है?
शेयर बायबैक का मतलब है कि कंपनी अपने ही शेयरों को मार्केट से वापस खरीदेगी। इससे शेयरों की संख्या घटती है और प्रत्येक शेयर की वैल्यू बढ़ सकती है। यह कदम निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है और कंपनी के कॉन्फिडेंस को भी दर्शाता है।
बायबैक का आकार और फंडिंग
सूत्रों के मुताबिक, इंफोसिस इस बायबैक के लिए लगभग ₹13,560 करोड़ खर्च कर सकती है। कंपनी के पास कुल ₹45,200 करोड़ कैश और कैश इक्विवेलेंट मौजूद हैं, जिससे यह बायबैक आसानी से फंड किया जा सकता है। यह कंपनी की कुल नेटवर्थ का लगभग 14-15% होगा।
शेयर बायबैक के फायदे
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कम शेयर, ज्यादा वैल्यू: शेयरों की संख्या कम होने से EPS बढ़ता है, जिससे शेयर की कीमत ऊपर जा सकती है।
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कैश का उपयोग: जरूरत से ज्यादा कैश होने पर कंपनी इसे बायबैक में लगाकर निवेशकों को लाभ देती है।
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कॉन्फिडेंस का संदेश: बायबैक से कंपनी यह संकेत देती है कि उसे अपने भविष्य और शेयर की वैल्यू पर भरोसा है।
रिटेल निवेशकों के लिए अवसर
रिटेल निवेशकों, यानी जिनके पास ₹2 लाख तक के शेयर हैं, उनके लिए बायबैक का 15% हिस्सा रिजर्व रहता है। उदाहरण के तौर पर, 2017 में इंफोसिस के ₹13,000 करोड़ के बायबैक में ₹1,950 करोड़ रिटेल निवेशकों के लिए रखा गया था। हालांकि, निवेशकों को यह ध्यान रखना होगा कि बायबैक कीमत उनके शेयर की मौजूदा मार्केट वैल्यू से ज्यादा हो या नहीं।
क्या बायबैक से शेयर की कीमत बढ़ेगी?
आमतौर पर बायबैक से शेयर की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिलती है क्योंकि मार्केट में शेयर की सप्लाई कम हो जाती है। ऐलान से कंपनी के कॉन्फिडेंस का संदेश भी जाता है, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत होता है। मॉर्गन स्टेनली जैसे ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि आने वाले 60 दिनों में इंफोसिस का शेयर Nifty IT इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बायबैक के तुरंत बाद शेयर प्राइस में थोड़ी गिरावट भी हो सकती है, जैसे 2021 में बायबैक के बाद 3.3% गिरावट देखी गई थी।