भिलाई इस्पात संयंत्र के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ विभाग के अंतर्गत संचालित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसन्धान केंद्र, सेक्टर–9 में 10 सितम्बर 2025 को एक दिवसीय राजभाषा कार्यशाला का आयोजन कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. रविन्द्रनाथ एम. के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. विनीता द्विवेदी ने की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. उदय कुमार, महाप्रबंधक (संपर्क व प्रशासन, जनसंपर्क एवं प्रभारी राजभाषा) श्री राजीव कुमार विशेष रूप से मंचासीन थे।
मुख्य अतिथि डॉ. रविन्द्रनाथ ने अपने उद्बोधन में बताया कि, गैर-हिंदी भाषी क्षेत्र से होने के बावजूद मैंने रेडियो और टीवी के माध्यम से अपनी हिंदी भाषा में उल्लेखनीय सुधार किया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है। रोगियों से संवाद और परामर्श देते समय उन्हें यह अनुभव हुआ, कि हिंदी का उपयोग क्यों महत्वपूर्ण है। इससे न केवल संवाद सरल होता है, बल्कि भाषा संबंधी कमियों को भी समझकर उन्हें सुधारने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में कई ऐसे ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से हिंदी में कार्य को अधिक सुगम और प्रभावशाली बनाया जा सकता है। डॉ. रविन्द्रनाथ ने चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को हिंदी का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित किया और कहा, कि इससे न केवल कार्य में सरलता आएगी बल्कि संस्कृति से जुड़कर देश की मुख्यधारा से सीधे संपर्क भी स्थापित होगा।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों में हिंदी भाषा के प्रति रुझान बढ़ाना तथा हिंदी में कार्य करने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करना है। ‘क’ क्षेत्र के राज्यों में हिंदी में कार्य करने से सभी को सुविधा और सहजता होती है।
राजभाषा कार्यशाला में महाप्रबंधक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं – प्रशासन) श्री शाहिद अहमद, महाप्रबंधक (जनसंपर्क) श्री प्रशान्त तिवारी एवं महाप्रबंधक श्री संजय दवे, सेक्टर–9 हास्पिटल के चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारीगण उपस्थित थे।
डॉ. उदय कुमार ने स्वागत उदबोधन प्रस्तुत करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ विभाग में हिंदी में किये जाने वाले कार्यों पर प्रकाश डाला और इस पहल की सराहना की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. विनीता द्विवेदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि, विश्व के सभी विकसित देश अपनी भाषा में ही संवाद करते हैं और कार्य करते हैं। अंग्रेजी में कार्य करना एक फैशन के रूप में क्रमशः विकसित होता दिखाई पड़ रहा है, ऐसे दौर में हमें हिंदी में अपनी वार्तालाप को शुरू करते हुए बड़ी सहजता से संवाद किया जा सकता है। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में मरीज से संवाद को किये जाने पर जोर देते हुए कई उदाहरण प्रस्तुत किए। महाप्रबंधक श्री राजीव कुमार ने कहा कि, हिंदी में कार्यालयीन कार्य एवं पत्राचार करना हमारा संवैधानिक दायित्व है, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित राजभाषा नीति का अनुपालन हमें करना ही है। अनुपालन का निरीक्षण संसदीय राजभाषा समिति द्वारा समय-समय पर किया जाता है, हिंदी में कार्यालयीन कार्य करना देश की प्रगति में सहायक है। उन्होंने उपस्थितजनों को हिंदी में कार्य करने हेतु शपथ दिलाई।
कार्यशाला के दौरान राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी, सामान्य ज्ञान, सुरक्षा एवं पर्यावरण पर आधारित एक रोचक और ज्ञानवर्धक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का संचालन श्री जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने किया।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लैब टेक्नीशियन श्री अजय कुमार आर्य, द्वितीय स्थान उप प्रबंधक (प्रशासन) सुश्री अलका तारे और तृतीय स्थान डिप्टी सी.एम.ओ. (पीडियाट्रिक्स) श्री नूतन कुमार वर्मा ने प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त सीनियर कंसल्टेंट सुश्री सीमा वर्मा, ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. मनीषा कांगो तथा नर्सिंग स्टाफ सुश्री प्रमिला मार्टिन प्रोत्साहन पुरस्कार विजेता रहे। विजेताओं को डॉ. विनीता द्विवेदी द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में उप प्रबंधक (संपर्क व प्रशासन – राजभाषा) श्री जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने हिंदी के उपयोग की अनिवार्यता, संवैधानिक बाध्यता तथा अन्य नियमों की जानकारी देते हुए हिंदी में कार्य संपादन को सहज और लाभकारी बताया। कन्सल्टेंट (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ. दीपक दाश मोहापात्रा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम का संचालन मुख्य परामर्शदाता डॉ. आकांक्षा शर्मा ने किया।