साउथ अफ्रीका के ग्वांगजू में चल रही वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में भारत की दिग्गज तीरंदाज दीपिका कुमारी एक बार फिर व्यक्तिगत वर्ग में हारकर बाहर हो गईं। वहीं, महज 15 साल की गाथा खडके ने अपने करियर का अब तक का सबसे बड़ा कारनामा करते हुए प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।
दीपिका की हार – 6वीं बार मेडल से चूकीं
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राउंड ऑफ 32 में दीपिका का सामना इंडोनेशिया की दियानंदा चोइरुनिसा से हुआ।
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पांच सेट के मुकाबले में दीपिका 4-6 से हार गईं।
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निर्णायक सेट में उन्होंने अहम मौके पर 8 पॉइंटर मारा, जिससे जीत हाथ से निकल गई।
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वर्ल्ड चैंपियनशिप में यह लगातार छठी बार है जब दीपिका मेडल नहीं जीत पाईं।
गाथा खडके का जलवा – 176वीं रैंक से वर्ल्ड नंबर-8 को हराया
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पुणे की गाथा खडके ने तीसरे दौर में जर्मनी की ओलिंपियन मिशेल क्रॉपेन बाउर (वर्ल्ड नंबर-8) को 6-4 से हराकर सबको चौंका दिया।
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गाथा की उम्र सिर्फ 15 साल है और वह इस चैंपियनशिप में भारत की इकलौती रिकर्व तीरंदाज हैं जो प्री-क्वार्टर फाइनल तक पहुंची हैं।
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अब शुक्रवार को उनका मुकाबला दुनिया की नंबर-1 और पेरिस ओलिंपिक चैंपियन लिम सी-ह्योन (कोरिया) से होगा।
भारत की आखिरी उम्मीद – 6 साल से रिकर्व में मेडल का इंतज़ार
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भारत ने इस टूर्नामेंट में अब तक कंपाउंड कैटेगरी में सफलता हासिल की है।
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ऋषभ यादव, अमन सैनी और प्रथमेश फुगे की टीम ने फ्रांस को 235-233 से हराकर गोल्ड जीता।
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लेकिन रिकर्व कैटेगरी में 2019 के बाद से भारत को कोई मेडल नहीं मिला।
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ऐसे में गाथा खडके से ही अब देश को उम्मीदें हैं।
गाथा का सफर – नेशनल ट्रायल्स से वर्ल्ड स्टेज तक
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इस साल जनवरी में नेशनल ट्रायल्स में उन्होंने 686 अंक बनाकर सभी को चौंका दिया था।
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जुलाई में मैड्रिड वर्ल्ड कप में सीनियर स्तर पर डेब्यू करते हुए वे प्री-क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थीं।
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अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गाथा का सफर जारी है।
निचोड़:
दीपिका कुमारी की हार ने एक बार फिर रिकर्व कैटेगरी में भारत की मुश्किलें बढ़ाई हैं। लेकिन उभरती हुई स्टार गाथा खडके ने अपनी उम्र से कहीं ज्यादा परिपक्व खेल दिखाते हुए देश को नई उम्मीद दी है। अब सबकी निगाहें उनके और लिम सी-ह्योन के बीच होने वाले रोमांचक मुकाबले पर टिकी होंगी।