रूस के कामचटका में 7.4 तीव्रता का भूकंप, सुनामी अलर्ट जारी; 3 महीने में तीसरी बार बड़े झटके

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रूस के कामचटका प्रायद्वीप में शनिवार को 7.4 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। झटके समुद्र के नीचे 39.5 किलोमीटर गहराई पर महसूस किए गए। भूकंप के बाद इलाके में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है।

USGS ने शुरुआती आकलन में इसे 7.5 तीव्रता का बताया था, जिसे बाद में संशोधित कर 7.4 कर दिया गया। पैसिफिक सुनामी वार्निंग सेंटर के मुताबिक, भूकंप के केंद्र से करीब 300 किलोमीटर दायरे में तटीय इलाकों पर खतरनाक लहरें उठ सकती हैं। अभी तक जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।


कामचटका बना भूकंपीय गतिविधियों का हॉटस्पॉट

  • बीते तीन महीनों में 7+ तीव्रता के 3 भूकंप दर्ज हुए।

  • 30 जुलाई को यहां 8.8 तीव्रता का विशाल भूकंप आया था, जो दुनिया के टॉप-10 सबसे बड़े भूकंपों में शामिल हुआ।

  • 3 अगस्त को भी कुरिल द्वीपों के पास 7.0 तीव्रता का झटका महसूस हुआ था।


आंकड़े चौंकाने वाले

  • साल 2025 में अब तक 1,200 से ज्यादा भूकंप सिर्फ कामचटका क्षेत्र में आए।

  • इनमें से 150 भूकंप 4.0 तीव्रता या उससे ऊपर दर्ज किए गए।

  • वैश्विक स्तर पर पिछले 6 महीनों में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा भूकंप रिकॉर्ड किए गए हैं।


इस साल के बड़े भूकंप

  1. अफगानिस्तान (31 अगस्त 2025) – 6.0 तीव्रता, 3,000 मौतें

    • जलालाबाद और आसपास के गांवों में हजारों मकान ढहे।

    • लोग नींद में दबकर मलबे का शिकार हुए।

  2. म्यांमार (28 मार्च 2025) – 7.7 तीव्रता, 2,000 मौतें

    • 200 साल का सबसे बड़ा भूकंप, झटके भारत, बांग्लादेश और थाईलैंड तक पहुंचे।

    • एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसका असर 334 एटॉमिक बम के धमाके जितना था।

  3. अंटार्कटिका (30 अगस्त 2025) – 7.5 तीव्रता।

    • साउथ शेटलैंड द्वीपों के पास समुद्र में झटका।

    • यहां आबादी कम होने से बड़ा नुकसान नहीं हुआ।


क्यों खतरनाक है कामचटका?

कामचटका प्रायद्वीप Pacific “Ring of Fire” का हिस्सा है। यह इलाका ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियों के लिए बेहद संवेदनशील है। यहां लगातार हल्के-भारी झटके आते रहते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि इतने कम समय में 8.8, 7.4 और 7.0 जैसे भूकंप यह दिखाते हैं कि धरती के भीतर दबाव बेहद तेज़ी से बढ़ रहा है।


कुल मिलाकर, रूस का कामचटका क्षेत्र इस साल दुनिया का सबसे ज्यादा सक्रिय भूकंपीय इलाका बन चुका है। यहां की हर हलचल अब पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गई है।

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