नई दिल्ली। देशभर में चर्चा में रहे वक्फ (संशोधन) कानून 2025 पर सुप्रीम कोर्ट आज अहम आदेश सुनाने जा रहा है। करीब चार महीने पहले सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। अब अंतरिम आदेश आने से यह साफ होगा कि क्या कानून पर तुरंत रोक लगेगी या इसे लागू रखा जाएगा।
पृष्ठभूमि
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केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन बिल, 2025 संसद से पारित कर अप्रैल में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बनाया।
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लोकसभा में यह बिल 288 सांसदों के समर्थन और 232 विरोधी वोटों के साथ पास हुआ था।
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इसके खिलाफ कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, AAP विधायक अमानतुल्लाह खान, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और कई सिविल राइट्स संगठनों ने याचिकाएँ दायर कीं।
याचिकाकर्ताओं की दलील
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कानून मुसलमानों के अधिकारों पर सीधा हमला है।
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नए प्रावधानों से सरकार बिना न्यायिक प्रक्रिया के वक्फ संपत्तियों पर कब्जा कर सकती है।
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केवल मुसलमान ही वक्फ बना सकते हैं – यह प्रावधान भेदभावपूर्ण है।
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एएसआई (ASI) के संरक्षण वाली संपत्तियों को वक्फ नहीं माना जा सकता।
केंद्र सरकार का पक्ष
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वक्फ इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं, बल्कि एक परोपकारी दान की परंपरा है।
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संविधान के तहत दिया गया अधिकार वापस लिया जा सकता है, यह मौलिक अधिकार नहीं।
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2013 के बाद से वक्फ संपत्तियों में 20 लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई, जिससे निजी और सरकारी जमीनों पर विवाद बढ़ा।
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नया कानून जनजातीय और अनुसूचित क्षेत्रों की रक्षा करेगा, इसलिए इसका विरोध गलत है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियाँ
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CJI बी. आर. गवई: “धार्मिक दान केवल इस्लाम तक सीमित नहीं, हिंदू धर्म में मोक्ष और दान की अवधारणा है।”
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जस्टिस ए. जी. मसीह: “ईसाई धर्म में भी स्वर्ग की चाह और दान परंपरा मौजूद है।”
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कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा था – “अगर अंतरिम राहत चाहिए तो ठोस दलीलें दीजिए।”
अब तक की सुनवाई का सिलसिला
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16 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा, सिब्बल ने कहा – राज्य तय नहीं कर सकता कि कौन मुसलमान है और वक्फ बना सकता है।
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17 अप्रैल: SG तुषार मेहता बोले – लाखों सुझावों के बाद कानून बना, कई जगह निजी जमीन वक्फ में हड़प ली गई।
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25 अप्रैल: केंद्र ने 1332 पन्नों का हलफनामा दाखिल कर कहा – कानून पूरी तरह संवैधानिक।
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15 मई: कोर्ट बोला – अंतरिम राहत देने पर विचार करेंगे, यथास्थिति बनाए रखें।
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20-22 मई: लगातार तीन दिन बहस चली, सरकार और याचिकाकर्ताओं ने अपने-अपने पक्ष रखे। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
आज क्या हो सकता है?
कानून पर अंतरिम आदेश आने वाला है। संभावनाएँ हैं –
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सुप्रीम कोर्ट कानून पर अस्थायी रोक लगा दे।
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कुछ प्रावधानों को रोके और बाकी को लागू रहने दे।
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या फिर कोर्ट कहे कि मामले की अंतिम सुनवाई तक कानून लागू रहेगा।
कुल मिलाकर, आज का आदेश यह तय करेगा कि वक्फ कानून को लेकर देशभर में चल रही बहस किस दिशा में जाएगी।