दुबई में खेले गए एशिया कप मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया। मैच जीतने के बाद एक बड़ा विवाद सामने आया—भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
इस घटना से नाराज़ पाकिस्तान कप्तान सलमान आगा पोस्ट-मैच प्रेजेंटेशन सेरेमनी में नहीं आए। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) से शिकायत दर्ज कराते हुए मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को बदलने की मांग कर दी।
सूर्या का बयान – “कुछ चीजें खेल भावना से ऊपर होती हैं”
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने साफ कहा कि यह फैसला BCCI और भारत सरकार के रुख को ध्यान में रखकर लिया गया।
उन्होंने कहा –
“हम यहां सिर्फ क्रिकेट खेलने आए थे। हाथ न मिलाने का फैसला हमारी एकजुटता दिखाने के लिए था। कुछ बातें खेल भावना से ऊपर होती हैं। हमने यह जीत उन सभी शहीदों और परिवारों को समर्पित की है जो पहलगाम आतंकी हमले में प्रभावित हुए।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया – “हम इंतज़ार कर रहे थे”
पाक टीम के हेड कोच माइक हेसन ने कहा कि उनकी टीम मैच के बाद हाथ मिलाने के लिए तैयार थी।
“हमारे खिलाड़ी मैदान पर खड़े थे, लेकिन भारतीय टीम सीधे ड्रेसिंग रूम चली गई। यह निराशाजनक है कि खेल इस तरह खत्म हुआ। इसी वजह से कप्तान सलमान आगा प्रेजेंटेशन में नहीं आए।”
PCB की शिकायत
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PCB ने पहले मैच रेफरी के खिलाफ आपत्ति जताई कि उन्होंने टॉस के समय हाथ मिलाने का आग्रह नहीं किया।
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कुछ घंटों बाद बोर्ड ने ACC से रेफरी को हटाने की औपचारिक मांग भी कर दी।
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अभी तक रेफरी की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
नियम क्या कहते हैं?
ICC और ACC के नियमों में कहीं यह नहीं लिखा कि मैच के बाद हाथ मिलाना अनिवार्य है। यह सिर्फ खेल भावना का हिस्सा है। यही कारण है कि लगभग हर मैच के बाद दोनों टीमें हाथ मिलाती हैं।
विवाद की पृष्ठभूमि
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पहलगाम आतंकी हमला (अप्रैल 2025) के बाद यह पहली बार था जब भारत-पाक आमने-सामने हुए।
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हमले में शहीद हुए परिवारों ने इस मैच का विरोध किया।
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सोशल मीडिया पर भी #BoycottPakistan ट्रेंड हुआ।
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विपक्षी नेताओं और संगठनों ने BCCI पर सवाल उठाए।
इस विवाद ने एक बार फिर भारत-पाक क्रिकेट संबंधों पर तनाव को उजागर कर दिया है। जहां भारत इसे सुरक्षा और आत्मसम्मान से जोड़ रहा है, वहीं पाकिस्तान इसे खेल भावना पर हमला बता रहा है।