अमेरिका में टिकटॉक को लेकर बैन की डेडलाइन अब 16 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है। मूल रूप से यह डेडलाइन 17 सितंबर को समाप्त हो रही थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे तीन महीने आगे बढ़ाने का ऐलान किया। यह चौथी बार है जब ट्रम्प ने बैन की समयसीमा को लंबा किया है।
ट्रम्प ने कहा- डील लगभग फाइनल
ट्रम्प ने सोमवार को ट्रुथ सोशल पर लिखा कि टिकटॉक का अमेरिका में संचालन सुरक्षित रखने के लिए डील लगभग तैयार है। कुछ समय बाद उन्होंने रिपोर्टर्स को बताया कि शुक्रवार को वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे, जिसमें यह तय होगा कि ऐप में चीनी हिस्सेदारी बनी रहेगी या पूरी तरह अमेरिकी कंपनियों को ट्रांसफर किया जाएगा।
कानूनी पृष्ठभूमि
2024 में अमेरिकी संसद ने एक कानून पास किया, जिसके अनुसार टिकटॉक की चीनी पेरेंट कंपनी बाइटडांस को अपना अमेरिकी व्यवसाय बेच देना होगा, अन्यथा ऐप पर बैन लग जाएगा। इस बिल को तत्कालीन राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साइन किया था।
अमेरिका ने नेशनल सिक्योरिटी की चिंता जताते हुए टिकटॉक को बैन करने की तैयारी की थी। उनका डर था कि चीनी सरकार यूजर डेटा तक पहुंच सकती है। अमेरिका चाहता है कि वहां चल रहे टिकटॉक का मालिकाना हक पूरी तरह अमेरिकी कंपनियों के पास हो।
अमेरिका और चीन की डील
टिकटॉक के अमेरिका संचालन के लिए संभावित खरीदारों में ओरेकल, सिल्वरलेक और एंड्रीसेन जैसी कंपनियां शामिल हैं। इस डील में एप का ऐल्गोरिद्म और आईपी राइट्स चीन के पास रह सकते हैं, लेकिन यूजर डेटा पूरी तरह अमेरिकी नियंत्रण में होगा। यह कदम अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन को कम करने का भी हिस्सा है।
भारत में टिकटॉक बैन
भारत में टिकटॉक को जून 2020 में बैन कर दिया गया था। सरकार ने इसे देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। सीमा पर भारत-चीन झड़पों के बाद भारत ने 59 चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित किया।
टिकटॉक पर भारत में पोर्नोग्राफी और डेटा चोरी के आरोप भी लगे थे। मद्रास हाईकोर्ट ने इस पर बैन लगाया और बाद में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई, जिसे मद्रास हाईकोर्ट का आदेश बनाए रखा। भारत में बैन की वजह से बाइटडांस को लगभग 5 लाख डॉलर रोज़ाना का नुकसान उठाना पड़ रहा है।