गाजियाबाद: गाजियाबाद की अदालत ने सोमवार, 15 सितंबर को 32 वर्षीय मुकेश सिंह को अपनी महिला सहकर्मी की तीन नाबालिग बेटियों के साथ लगातार यौन शोषण के मामले में 20 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई। आरोपी ने 2019 से 2022 तक तीन वर्षों में लगातार तीनों बच्चियों का उत्पीड़न किया।
मुकेश सिंह पीड़ित परिवार के मकान में किराएदार था और उसने इस स्थिति का फायदा उठाकर 10, 13 और 17 साल की बच्चियों के साथ घिनौना अपराध किया।
मामले का खुलासा
अप्रैल 2022 में पीड़ित बच्चियों ने अपनी नानी को यह आपबीती बताई। नानी ने तुरंत टिला मोड़ पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376 (बलात्कार), 354A (यौन उत्पीड़न), 323 (जानबूझकर चोट), 506 (आपराधिक धमकी) और POCSO अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
अदालत का निर्णय
विशेष न्यायाधीश (POCSO) लाल बाबू यादव की अदालत ने कहा कि बचाव पक्ष के तर्क अभियोजन के सबूतों पर कोई शक पैदा नहीं कर सके। जांच और सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी पाया।
पीड़ित बच्चियों की व्यथा
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13 वर्षीय बच्ची: जुलाई 2019 में पहली बार आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो उसका बुरा हाल होगा। पीड़िता ने अपनी मां को भी बताया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंततः उसने अपनी नानी को घटना बताई।
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10 वर्षीय बच्ची: आरोपी उसे पोर्न वीडियो दिखाता और यौन शोषण करता। वह अपनी दोनों बहनों के साथ भी यही करता था। बच्ची ने स्कूल काउंसलर को भी घटना बताई।
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17 वर्षीय बच्ची: आरोपी उसकी मां के काम पर जाने के दौरान उसके साथ दुष्कर्म करता था।
मां पर भी प्रारंभिक शंका
शुरुआत में मां को FIR में संदिग्ध के रूप में शामिल किया गया था, लेकिन पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण उन्हें बाद में बरी कर दिया गया।
अदालत का निष्कर्ष
अदालत ने स्पष्ट किया कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ सभी आरोप उचित संदेह से परे साबित कर दिए, जबकि मां के खिलाफ सबूत अपर्याप्त थे।