निवेश की दुनिया में अक्सर यह सवाल उठता है कि अगर आपके पास 5 लाख रुपये की बड़ी रकम है, तो क्या उसे एक बार में निवेश कर देना बेहतर है (Lump Sum) या फिर उसे छोटे-छोटे हिस्सों में SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए लगाना समझदारी होगी। दोनों ही तरीकों के अपने फायदे और चुनौतियाँ हैं।
एकमुश्त (Lump Sum) निवेश के फायदे और जोखिम
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जब आप पूरी रकम एक बार में लगाते हैं, तो पूरे पैसे पर तुरंत रिटर्न मिलना शुरू हो जाता है।
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अगर मार्केट तेजी पर है, तो कमाई भी ज्यादा हो सकती है।
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उदाहरण के लिए – 5 लाख रुपये को अगर 12% सालाना रिटर्न वाले फंड में 5 साल तक रखा जाए, तो यह रकम बढ़कर करीब 8.81 लाख रुपये हो सकती है।
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लेकिन इसमें जोखिम ज्यादा होता है। अगर मार्केट गिरावट में चला जाए, तो आपका निवेश भी प्रभावित हो सकता है।
SIP निवेश के फायदे
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SIP में निवेशक हर महीने एक तय रकम लगाता है।
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यह तरीका उन लोगों के लिए बेहतर है जो धीरे-धीरे निवेश करना चाहते हैं और मार्केट की अनिश्चितता से बचना चाहते हैं।
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मान लीजिए, 12% वार्षिक रिटर्न वाले फंड में अगर कोई 5 साल तक SIP करता है और हर महीने लगभग 10,700 रुपये निवेश करता है, तो अंत में उतना ही रिटर्न मिल सकता है जितना कि एकमुश्त 5 लाख लगाने पर मिलता है।
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SIP का फायदा यह है कि आप रिस्क को समय के साथ बांट सकते हैं। लेकिन अगर मार्केट लगातार ऊपर जा रहा हो, तो Lump Sum से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
सही विकल्प कौन सा है?
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अगर आपको मार्केट के बढ़ने का भरोसा है और आप रिस्क उठाने को तैयार हैं, तो Lump Sum ज्यादा मुनाफा दे सकता है।
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लेकिन अगर आप धीरे-धीरे और सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, तो SIP सबसे अच्छा विकल्प है।
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असल में, चुनाव पूरी तरह आपकी रिस्क प्रोफाइल और फाइनेंशियल गोल्स पर निर्भर करता है।
नतीजा यही है कि चाहे Lump Sum चुनें या SIP, दोनों ही में फायदा है—बस जरूरत है समझदारी से फैसला लेने की।