रायपुर में एक रिटायर्ड महिला साइंटिस्ट के साथ 42 लाख रुपए की ठगी हुई। ठगों ने महिला को फोन करके खुद को CBI अधिकारी बताया और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का बहाना देकर पैसे ट्रांसफर करवाए। इसके अलावा उन्हें डर दिखाने के लिए प्रॉपर्टी सीज करने और अरेस्ट वारंट का हवाला दिया।
मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। पुष्पा अग्रवाल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुष्पा टैगोर नगर की निवासी हैं और चंडीगढ़ के एक साइंस इंस्टीट्यूट में चीफ साइंटिस्ट के पद से रिटायर हुई हैं। 18 सितंबर को उनके नंबर पर फोन आया जिसमें ठग ने खुद को TRAI अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से सिम आवंटित हुआ है, जिससे ब्लैकमेल कॉल जा रहे हैं। महिला को मदद का झांसा दिया गया।
कॉल ट्रांसफर कर झांसा
फिर कॉल को किसी दूसरे ठग को ट्रांसफर कर दिया गया। इस व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस अधिकारी बताया और कहा कि एक व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है जिसने 3 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है। उसने बताया कि मुंबई के एक खाते में 30 लाख रुपए जमा कराए गए हैं, जो महिला के नाम से जुड़े हैं। ठग ने महिला को उलझाते हुए कहा कि मामला CBI जांच के दायरे में है।
बैंक खाते और संपत्ति पर धमकी
अगले चरण में कॉल एक नए ठग को ट्रांसफर किया गया। उसने बताया कि महिला के नाम से अरेस्ट वारंट जारी है और उनकी सभी संपत्तियाँ और बैंक खाते जब्त किए जाएंगे। इस डर का फायदा उठाकर ठग ने महिला से 42 लाख रुपए कर्नाटक के एक बैंक खाते में ट्रांसफर करवाए और कहा कि पैसे लौटाए जाएंगे।
धोखाधड़ी का शक
42 लाख रुपए ट्रांसफर करने के बाद आरोपी म्युचुअल फंड और अन्य निवेश की जानकारी लेने लगे। इससे पुष्पा को संदेह हुआ और उन्होंने कोतवाली थाने में जाकर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस इस मामले में आगे की जांच-पड़ताल कर रही है।