पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 17 सितंबर को अदालत परिसर में हुई हिंसक घटना का स्वयं संज्ञान लिया। इस दिन एक वकील को तलवार और तीरकमान के साथ चलते देखा गया। आरोप है कि उन्होंने अपने साथी वकील के साथ मिलकर बार एसोसिएशन के सदस्यों पर हमला किया।
घटना और सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अदालत में बार अध्यक्ष ने बताया कि एक वकील सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट कर रहा है। वकीलों ने फेसबुक और यूट्यूब इंडिया को भी मामले में पक्ष बनाने की अपील की। अदालत ने बार से पूछा कि क्या उनके पास सटीक जानकारी है, और बार की ओर से कहा गया कि इसे वे प्रस्तुत करेंगे।
केंद्र शासित प्रदेश की तरफ से कहा गया कि यदि न्यायाधीशों के खिलाफ मानहानिकारक सामग्री साझा की गई है, तो यह आपराधिक अवमानना के अंतर्गत आएगा। मुख्य न्यायाधीश ने इसे रिकॉर्ड में दर्ज करने का निर्देश दिया और अगली सुनवाई तक बार के किसी सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का आदेश दिया।
आरोपियों और पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने घटना में शामिल वकील सिमरनजीत सिंह ब्लासी की पहचान की, जो फिरोजपुर का निवासी है। बताया गया कि वह किसी केस में अपील करने के लिए आया था। उसे गिरफ्तार कर एक दिन के रिमांड पर लिया गया। इस हमले के विरोध में वकीलों ने हड़ताल की थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया।