छत्तीसगढ़ में अगले 4 दिनों तक बादल गरजने और बिजली चमकने जैसी मानसूनी गतिविधियों के साथ हल्की बारिश जारी रहेगी। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में खास बारिश नहीं हुई है। हालांकि, गरियाबंद जिले में शनिवार को तेज आंधी-तूफान से अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
इस दौरान पुलिस जवान तेज हवाओं के बीच जान बचाकर इधर-उधर भागते नजर आए। दोपहर 2 से 4 बजे तक रुक-रुककर मूसलाधार बारिश हुई। शाम को अंधड़ ने लोगों को परेशान कर दिया।
वहीं कबीरधाम जिले के बासिनझोरी में बिजली गिरने से एक युवक की मौत हो गई। घटना लोहारा थाना क्षेत्र की है। शनिवार शाम 6:30 बजे युवक खेत में काम कर रहा था। इसी दौरान ये हादसा हुआ। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
राजधानी रायपुर के इलाकों में शनिवार को मध्यम बारिश हुई है। इस बीच रविवार को महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, सुकमा इन 10 जिलों में अंधड़, बिजली चमकने और बादल गरजने का अलर्ट जारी किया है।
बारिश पर ब्रेक लगने से गर्मी-उमस बढ़ी
शनिवार को रायपुर में ज्यादातर समय तेज धूप के कारण गर्मी और उमस से लोग परेशान रहे। आज भी तेज धूप और उमस रह सकती है। हालांकि, बीच-बीच में हल्की फुहारें या रिमझिम बारिश होती रहेगी।
बलराम में सबसे ज्यादा बारिश, बेमेतरा में सबसे कम
प्रदेश में अब तक 1061.6 मिमी बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 491.6 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 51% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव, रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है। जबकि बलरामपुर में 1472.9 मिमी पानी गिरा है, जो सामान्य से 55% ज्यादा है।
जानिए क्यों गिरती है बिजली
बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है।
आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।