छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में शेयर बाजार में निवेश कर पैसे डबल करने का लालच देकर सैकड़ों लोगों से पति-पत्नी ने करीब 12 करोड़ की ठगी की है। पति ने 2 फर्जी कंपनी बनाई थी। जिसमें पत्नी को डायरेक्टर था। लोगों को 40% मुनाफे का लालच देकर इन्वेस्ट करवाते थे। इस दौरान कमीशन पर कंसल्टेंट भी रखे गए थे।
शुरुआत के कुछ महीनों में निवेशकों को मुनाफा देकर भरोसा जीता गया। इस चक्कर में लोग ठगों के झांसे में आ गए। ठगी के पैसों से आरोपी आलीशान जिंदगी जी रहे थे। इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड स्नेहांशु नामदेव और उसकी पत्नी डाली नामदेव है। पुलिस ने शनिवार को पति-पत्नी समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला स्मृति नगर थाना इलाके का है।
जानिए कैसे बिछाया ठगी का जाल
दरअसल, स्नेहांशु नामदेव (37) और उसकी पत्नी डाली (35) ने निवेशकों को फंसाने के लिए पहले 2 फर्जी कंपनियां बनाई। पहली कंपनी निशा बिजनेस कंसल्टेंट प्रा. लि. (सूर्या मॉल, जुनवानी) और दूसरी कंपनी यूनीक इन्वेस्टमेंट सॉल्यूशन (सुपेला चौक) के नाम से खोली।
इन दोनों कंपनियों का न तो SEBI और न ही RBI से कोई पंजीयन था। बावजूद इसके इन्हें शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट फर्म के रूप में प्रचारित किया गया। बड़े-बड़े बोर्ड, आकर्षक विजिटिंग कार्ड और मार्केटिंग के जरिए यह भरोसा दिलाया गया कि, कंपनी असली है। यहां पैसा लगाना सुरक्षित रहेगा।
20 से 40% मुनाफे का झांसा
आरोपियों ने लोगों को यह कहकर लुभाया कि, अगर वे इनके जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाएंगे, तो हर महीने 20 से 40% तक मुनाफा मिलेगा। इतना ही नहीं एक साल के भीतर निवेश की रकम दोगुनी कर देने का दावा भी किया गया।
नए निवेशकों को जोड़ने के लिए अलग से कंसल्टेंट रखे गए। जिन्हें 10 से 15% तक कमीशन दिया जाता था। शुरुआती महीनों में कुछ निवेशकों को वादे के मुताबिक मुनाफा भी दिया गया। जिससे उनका विश्वास बने और लोग पैसे लगाएं।
नकली दस्तावेज और मिरर इमेज से बनाया भरोसा
आरोपी पति-पत्नी ने अपने दोस्त और परिचितों को इस खेल में मोहरे की तरह इस्तेमाल किया। लोगों को यह यकीन दिलाया गया कि, उनका पैसा शेयर बाजार में काम कर रहा है। आरोपियों ने हाईटेक तरीका अपनाया। वे फर्जी आईडी और पासवर्ड बनाकर मिरर इमेज तकनीक से ऐसे दस्तावेज तैयार करते, जो बिल्कुल असली ट्रेडिंग अकाउंट जैसे दिखते थे।
इन फर्जी रिपोर्ट्स को वॉट्सऐप पर भेजा जाता और निवेशकों को दिखाया जाता कि उनका पैसा लगातार बढ़ रहा है। कुछ महीने तक भुगतान जारी रखने के बाद जैसे ही रकम बड़ी हुई। आरोपियों ने भुगतान रोक दिया और गायब हो गए।
आलीशान जिंदगी जी रहे थे
ठगी से मिली रकम से आरोपी आलीशान जिंदगी जी रहे थे। पुलिस की छापेमारी में इनके पास से जब्त संपत्तियों की कुल कीमत करीब 1 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इनमें महंगी संपत्तियां भी शामिल हैं। पुलिस अब इनके बैंक खातों और संपत्तियों की जांच कर रही है। साथ ही ठगी की रकम की वसूली के प्रयास भी किए जाएंगे।
आरोपियों से जब्त हुए ये कीमती सामान
- हार्ले डेविडसन बाइक
- टाटा कर्व कार और अन्य वाहन
- सोने-चांदी के जेवर
- फ्लैट खरीद के दस्तावेज
- महंगे मोबाइल (विदेशी कंपनी Vertu सहित)
- नगदी रकम
- कंप्यूटर-लैपटॉप
- बैंक पासबुक, चेकबुक और लेन-देन से जुड़े रजिस्टर।
जानिए कैसे हुआ खुलासा
यह पूरा मामला तब सामने आया जब स्मृति नगर निवासी करण शर्मा ने सुपेला थाने में शिकायत दर्ज कराई। करण ने बताया कि, स्नेहांशु, उसकी पत्नी डाली, निशा मानिकपुरी और धातरी कोसरे ने उससे और उसके साथियों से लगभग 66 लाख 47 हजार रुपए की ठगी की है।
पुलिस जांच में अब तक 10 से 12 करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है। अधिकारियों का अनुमान है कि, वास्तविक रकम इससे भी ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई निवेशक अभी सामने आने से बच रहे हैं।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
- स्नेहांशु नामदेव (37) – मास्टरमाइंड, निवासी साईविला जंजगिरी
- डाली नामदेव (35) – पत्नी और सह-आरोपी
- निशा मानिकपुरी (26) – निवासी विजय नगर, दुर्ग
- धातरी कोसरे (24)– निवासी डीपाकेट मरोदा, भिलाई
- शुभम गुप्ता (25) – निवासी कृपाल नगर, कोहका
फर्जीवाड़े के शिकार और लोग भी आ सकते हैं सामने
पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में संलिप्त सभी गिरफ्तार आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया। एएसपी दुर्ग सुखनंदन राठौर ने कहा कि, इस फर्जीवाड़े का शिकार हुए और भी लोग सामने आ सकते हैं। अनुमान है कि ठगी की रकम 12 करोड़ से कहीं ज्यादा निकल सकती है।b