दुर्ग : भिलाई निवासी 14 वर्षीय पूर्वेंद्र कुमार एक दुर्लभ बीमारी ओडोंटोजेनिक केराटोसिस्ट से ग्रसित था । मरीज को पिछले 2 महीने से ऊपरी जबड़े के दांई तरफ सूजन थी। बच्चा जन्म से ही क्लैफ्ट लिप एवं क्लैफ्ट पैलेट नामक बीमारी से ग्रसित था। सी टी स्कैन की रिपोर्ट से दांई मैक्सिलरी साइनस में एक बड़ी सिस्ट/ थैली का अनुमान लगाया गया उसके बाद पूर्वेंद्र का इलाज शुरू किया गया। ऑपरेशन के पहले एफ. एन. ए. सी. एवं इंसीजनल बायोप्सी की गई जिसमे भी सिस्ट का ही अनुमान लगाया गया। रिपोर्ट आने के बाद पूर्वेंद्र का ऑपरेशन किया गया और सिस्ट निकाला गया जिसे बायोप्सी के लिए भेजा गया जिसमे ओडोंटोजेनिक केराटोसिस्ट की पुष्टि की गई।
ओडोंटोजेनिक केराटोक्स्ट एक दुर्लभ सिस्ट है जो स्थानीय रूप से आक्रामक है और बार बार होने का खतरा बना रहता है। सिस्ट निकलने के बाद 5 फ्लोरो यूरेसिल का पैक डाला गया जिसे 24 घंटे बाद निकाला गया जिससे सिस्ट की दुबारा होने की संभावना कम हो जाती है। यह ऑपरेशन जिला अस्पताल दुर्ग में निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. संजय वालवेंद्र ,मैक्सिलो फेशियल सर्जन डॉ. कामिनी डडसेना ने किया। डेंटल सर्जन डॉ. शिवांशी अग्निहोत्री ने सर्जरी में सहयोग किया। स्टाफ नर्स शिबेन दानी, रमेश, शाइनी चेरियन, भागीरथी ने भी अहम भूमिका निभाई।