भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को लगातार पांचवें दिन दबाव में रहा। शुरुआती मजबूती के बावजूद दोपहर तक सेंसेक्स 300 अंकों तक लुढ़क गया और निफ्टी भी 25 हजार के नीचे आ गया। निवेशकों की धारणा पर विदेशी बिकवाली, अमेरिकी वीजा फीस और ग्लोबल मार्केट से आए कमजोर संकेतों ने गहरी चोट की है।
दोपहर का हाल
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सेंसेक्स: 191 अंक गिरकर 81,492.89 पर
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निफ्टी: 70 अंक फिसलकर 24,980.60 पर
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दिग्गज कंपनियाँ जैसे टाटा मोटर्स, ट्रेंट, एशियन पेंट्स, डॉ. रेड्डीज और टाइटन में 3% तक की गिरावट
क्यों टूटा बाजार?
1. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
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एफआईआई लगातार पैसा निकाल रहे हैं।
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बुधवार को 2,425 करोड़ और मंगलवार को 3,551 करोड़ रुपये की बिकवाली।
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लगातार आउटफ्लो से बाजार पर दबाव बढ़ा है।
2. अमेरिका की वीजा फीस का असर
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अमेरिका ने एच-1बी वीजा की फीस को 88 लाख रुपये तक बढ़ा दिया।
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इसका सबसे ज्यादा असर आईटी कंपनियों पर पड़ा।
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नतीजतन आईटी इंडेक्स 0.2% टूटा और 19 सितंबर से अब तक 5% से ज्यादा गिर चुका है।
3. ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेत
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एशियाई बाजारों में कमजोरी – दक्षिण कोरिया का कोस्पी लाल निशान में।
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अमेरिकी बाजार भी बुधवार को गिरावट के साथ बंद।
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इन संकेतों का असर भारतीय निवेशकों की धारणा पर पड़ा।
4. कच्चे तेल की ऊँची कीमतें
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बुधवार को क्रूड में 2.5% की तेजी आई, दाम 1 अगस्त के बाद के उच्चतम स्तर पर।
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अमेरिका में भंडार घटने और रूस-यूक्रेन तनाव के चलते सप्लाई की चिंता बढ़ी।
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ऊँचा क्रूड भारत में महंगाई और कंपनियों की लागत दोनों को बढ़ा रहा है।
आगे क्या?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि एफआईआई की बिकवाली और ऊँचे क्रूड के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। यानी निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहकर ट्रेड करना चाहिए।