आयकर विभाग ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी है। पहले यह तारीख 30 सितंबर थी। प्रोफेशनल्स और बिजनेसमैन्स की मांग के मद्देनजर यह राहत दी गई है। हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग की डेडलाइन 31 जुलाई 2025 पर कायम रहेगी।
क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन?
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और प्रोफेशनल बॉडीज ने शिकायत की थी कि समय पर ऑडिट पूरा करना मुश्किल हो रहा है। कई राज्यों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं ने बिजनेस और प्रोफेशनल एक्टिविटी को प्रभावित किया। सीबीडीटी ने कहा:
“बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं की वजह से सामान्य कामकाज बाधित हुआ, इसलिए राहत दी गई।”
किसे मिलेगा फायदा?
यह सुविधा मुख्य रूप से उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 139(1) के एक्सप्लेनेशन 2 के क्लॉज (a) के अंतर्गत ऑडिट कराना जरूरी है। इसका मतलब है कि बड़े व्यवसायी, प्रोफेशनल्स और उच्च टर्नओवर वाले टैक्सपेयर्स इसका लाभ उठा सकते हैं। छोटे टैक्सपेयर्स या सैलरी वाले इस एक्सटेंशन का लाभ नहीं ले पाएंगे।
ई-फाइलिंग पोर्टल की स्थिति
सीबीडीटी ने बताया कि इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पूरी तरह से स्थिर और फंक्शनल है। 24 सितंबर तक 4.02 लाख टैक्स ऑडिट रिपोर्ट्स अपलोड हो चुकी हैं, जिसमें केवल उसी दिन 60,000 से ज्यादा सबमिशन हुए। वहीं, 23 सितंबर तक 7.57 करोड़ ITR फाइल हो चुकी हैं।
आधिकारिक नोटिफिकेशन
सीबीडीटी जल्द ही नई डेडलाइन लागू करने के लिए फॉर्मल नोटिफिकेशन जारी करेगा। फिलहाल यह फैसला प्रेस रिलीज़ के माध्यम से बताया गया है। टैक्सपेयर्स को सलाह है कि वे ऑफिशियल वेबसाइट नियमित चेक करते रहें।
क्या यह सिर्फ टैक्स ऑडिट रिपोर्ट के लिए है?
हां, यह एक्सटेंशन मुख्य रूप से टैक्स ऑडिट रिपोर्ट्स (वित्तीय वर्ष 2024-25) के लिए है। ITR फाइलिंग की डेडलाइन पर कोई बदलाव नहीं हुआ है।