कस्टम मिलिंग घोटाला: रायपुर-बिलासपुर में बड़े बिल्डर के ठिकानों पर ED का छापा

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छत्तीसगढ़ में ईडी (Enforcement Directorate) की टीम ने शुक्रवार सुबह रायपुर, बिलासपुर और धमतरी में कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की। अधिकारियों के मुताबिक, यह कार्रवाई कस्टम मिलिंग घोटाले से जुड़ी है। कथित घोटाले के पैसों का इस्तेमाल प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में हुआ, जिसे लेकर ED जांच कर रही है।

रायपुर में रहेजा ग्रुप पर दबिश
ED की टीम रायपुर में रहेजा ग्रुप के घर और ऑफिस पर मौजूद है। अधिकारी फाइलों, दस्तावेजों और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। जवाहर मार्केट स्थित ठिकाने पर कड़ी सुरक्षा के बीच छापेमारी की गई।

बिलासपुर में सुल्तानिया ग्रुप पर कार्रवाई
बिलासपुर में ED ने सुल्तानिया परिवार के क्रांति नगर स्थित आवासीय और कारोबारी ठिकानों पर छापा मारा। टीम मीनाक्षी सेल्स के ठिकानों पर बैंक स्टेटमेंट और वित्तीय दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है। मीनाक्षी सेल्स सुल्तानिया ग्रुप का कारोबार है, जो कोयला, सीमेंट, स्टील और अन्य ट्रेडिंग से जुड़ा हुआ है। सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़ा किया गया है।

कस्टम मिलिंग स्कैम का विवरण
25 जुलाई 2025 को 140 करोड़ रुपए के कस्टम मिलिंग घोटाले में रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर से EOW ने पूछताछ की थी। 2700 मिलर्स से वसूली का मामला सामने आया, जिसमें 3500 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया गया। दूसरा चालान जल्द पेश होने वाला है।

EOW के अनुसार, मनोज सोनी ने 33 जिलों से वसूली का जिम्मा अनवर ढेबर को सौंपा। अनवर ने शराब दुकानों के लिए प्लेसमेंट एजेंसी चलाने वाले सिद्धार्थ सिंघानियां को जिम्मेदारी दी। सिद्धार्थ के माध्यम से कमीशन की वसूली रायपुर पहुंचाई गई, जो अनिल टुटेजा के जरिए मनोज सोनी और रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचती थी।

घोटाले का खुलासा और FIR
2023 में ED को शिकायत मिली कि छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर कस्टम मिलिंग घोटाला हुआ। अक्टूबर 2023 में ED ने मार्कफेड के तत्कालीन MD मनोज सोनी के घर और कुछ राइस मिलर्स के ठिकानों पर छापा मारा। जांच में सामने आया कि मनोज सोनी ने करोड़ों रुपए की रिश्वत ली और मार्कफेड के अधिकारियों के साथ मिलकर 2700 मिलर्स से 140 करोड़ से ज्यादा की वसूली की।

29 जनवरी 2024 को EOW ने पहली FIR दर्ज की, जिसमें रोशन चंद्राकर, प्रीतिका, अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर, सिद्धार्थ सिंघानिया और रामगोपाल अग्रवाल के नाम शामिल थे। जांच में पता चला कि कस्टम मिलिंग के नाम पर अतिरिक्त राशि वसूली गई।

वसूली का सिस्टम

  • मनोज सोनी ने 33 जिलों से वसूली का जिम्मा अनवर ढेबर को दिया।

  • अनवर ने यह काम सिद्धार्थ सिंघानियां को सौंपा।

  • सिद्धार्थ ने कर्मचारियों के माध्यम से पैसा रायपुर भेजा।

  • टुटेजा के जरिए यह राशि मनोज और रामगोपाल तक पहुंची।

EOW ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जिन राइस मिलर्स ने रिश्वत दी, उनके बिलों का भुगतान तुरंत कर दिया गया।

घूस के पैसों से लग्ज़री टूर और प्रॉपर्टी निवेश
जांच में यह भी सामने आया कि घूस से अर्जित पैसे से मनोज सोनी और रोशन ने कई जगहों की यात्रा की, जिसमें कश्मीर टूर भी शामिल था। इसके अलावा उन्होंने प्रॉपर्टी में भी निवेश किया। वसूली से मनोज ने 15.44 करोड़ रुपए की अवैध आय अर्जित की।

राजनीतिक पहलू
6 मार्च 2023 को बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में कस्टम मिलिंग में प्रति टन 20 रुपए वसूली का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जो मिलर्स वसूली देते थे, वही भुगतान पाते थे। इसके बाद तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर से सबूत मांगे गए और सदन में हंगामा हुआ।

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