भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त तीन राजनीतिक दलों को नोटिस

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दुर्ग, 29 सितम्बर 2025/ भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा दुर्ग जिले के तीन पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल क्रमशः भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच और पिछड़ा समाज पार्टी यूनाइटेड को अपने वार्षिक लेखा परीक्षित खाते निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा नहीं करने तथा चुनाव लड़ने के दौरान निर्धारित समय-सीमा के भीतर व्यय रिपोर्ट दाखिल नही किये जाने पर आयोग, भारत के संविधाान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त राजनीतिक दलों को पंजीकृत दलों की सूची से हटाने का प्रस्ताव किया है। राजनीतिक दल भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच और पिछड़ा समाज पार्टी यूनाइटेड के अध्यक्ष को जारी नोटिस में प्रस्ताविक कार्यवाही करने के पहले आयोग ने उन्हें अभ्यावेदन/कारण बताने का अवसर, यदि कोई हो, प्रदान करने का निर्णय लिया है। पार्टी के अध्यक्ष या महासचिव का हलफनामा और वे सभी सहायक दस्तावेज जिन पर पार्टी भरोसा करना चाहती है, सलंग्न कर निर्वाचन आयोग को 09 अक्टूबर 2025 तक प्रस्तुत करना होगा। आयोग द्वारा पार्टी के सुनवाई हेतु 09 अक्टूबर 2025 की तिथि निर्धारित की गई है।
निर्वाचन आयोग द्वारा अवगत कराया गया है कि भारत के किसी भी नागरिक संघ/व्यक्तिगत निकाय का राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए धारा के द्वारा शामिल होता है। राजनीतिक दलों के पंजीकरण हेतु दिशानिर्देशों के पैरा-3 के अनुसार, राजनीतिक दल के रूप में पंजीकरण हेतु आवेदक को अपने संविधान में यह घोषित करना होगा कि वह अपने वार्षिक लेखापरीक्षित लेखे आयोग को प्रस्तुत करेगा। ये दिशानिर्देश आयोग द्वारा अनुच्छेद 324 के अंतर्गत जारी किए गए हैं और सभी राजनीतिक दलों पर बाध्यकारी हैं, जिससे राजनीतिक दल के लिए इनका अनुपालन अनिवार्य हो जाता है। इस प्रकार, वार्षिक लेखापरीक्षित लेखे प्रस्तुत न करना, संविधान के अंतर्गत पार्टी द्वारा लिए गए दायित्व का उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त, पार्टी द्वारा चुनाव व्यय विवरण दाखिल न करना, पार्टी निधि और चुनाव व्यय में पारदर्शिता और जवाबदेही पर आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है, जो कॉमन कॉज बनाम भारत संघ एवं अन्य (एआईआर 1996 एससी 3081) मामले में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, पत्र संख्या 76/पीपीईएमएस/पारदर्शिता/2014 दिनांक 14.10.2014 के अनुसार जारी किए गए थे।
समय के साथ, बड़ी संख्या में राजनीतिक दल पंजीकृत हुए हैं। कई दलों (दिसंबर 2018 तक पंजीकृत) ने पिछले 3 वित्तीय वर्षों (2021-22, 2022-23 और 2023-24) के लिए अपने वार्षिक लेखा परीक्षित खाते निर्धारित नियत तिथि अर्थात क्रमशः 30.11.2022, 31.12.2023 और 15.12.2024 के भीतर प्रस्तुत नहीं किए हैं। इसके अलावा, इन दलों ने चुनाव लड़ा है, लेकिन निर्धारित समय अवधि के भीतर व्यय रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है।

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