नई दिल्ली – भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की चौथी बैठक के बाद बड़ा ऐलान किया है। बैंक ने रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है। इसका सीधा मतलब है कि फिलहाल होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा और लोगों को EMI में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि समिति ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है और नीति के रुख को तटस्थ रखा गया है। दरअसल, मौजूदा समय में महंगाई नियंत्रण में है और इसी वजह से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
इस वित्त वर्ष में औसत मुद्रास्फीति 2.6% रहने का अनुमान जताया गया है, जो पहले के 3.7% और 3.1% के अनुमान से कम है। चौथी तिमाही और अगले साल की पहली तिमाही में भी महंगाई लक्ष्य के आसपास रहने की उम्मीद है।
हालांकि, वैश्विक स्तर पर बदलती व्यापार नीतियां, टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव जैसे हालात अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन सकते हैं। इसलिए RBI ने सतर्क रुख अपनाते हुए ब्याज दर को यथावत रखने का फैसला लिया।
इस बीच, RBI ने देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर अच्छी खबर भी दी है। चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया गया है। RBI का कहना है कि सरकार द्वारा लिए गए सुधारात्मक कदम, खासकर GST को सरल बनाने और निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में किए गए प्रयासों का असर आने वाले महीनों में दिखेगा। तीसरी तिमाही में 7% और चौथी तिमाही में 6.4% की ग्रोथ की उम्मीद जताई गई है।
इस फैसले का आम लोगों पर सीधा असर यह होगा कि लोन की EMI फिलहाल कम नहीं होगी। हालांकि, GDP ग्रोथ बढ़ने का फायदा अर्थव्यवस्था में मजबूती और रोजगार के अवसरों के रूप में मिल सकता है। साथ ही महंगाई नियंत्रण में रहने से रोजमर्रा की चीजों की कीमतें स्थिर रह सकती हैं। RBI ने साफ कहा है कि वह हालात पर नजर रखे हुए है और अगर जरूरत पड़ी तो आगे उचित कदम उठाएगा।