दुर्ग सेंट्रल जेल में नवरात्र के दौरान कैदी मां दुर्गा की साधना कर रहे हैं। हत्या, लूट, डकैती और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों में बंद कई कैदियों ने उपवास रखा है। कैदियों ने अपने अपराधों के लिए क्षमा मांगते हुए भविष्य में सच्चरित्र जीवन जीने का संकल्प लिया है। जेल प्रशासन ने उपवासधारी कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। उन्हें दूध और फलाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। पूजन सामग्री भी प्रदान की गई है। जेल परिसर के एक हिस्से को मंदिर का रूप दिया गया है, जहां मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई है।
जेल परिसर में भक्ति का माहौल
सुबह स्नान के बाद कैदी सामूहिक रूप से आराधना स्थल पर पहुंचकर मां दुर्गा की पूजा करते हैं। भजन-कीर्तन और जयकारों से जेल परिसर में भक्ति का माहौल है। जेल स्टाफ भी कैदियों के साथ आरती में शामिल होता है।
जेल अधीक्षक मनीष संभाकर ने बताया कि इस साल कुल 298 पुरुष बंदियों ने उपवास रखा है। इनमें से 206 कैदी पूरे नौ दिन का व्रत कर रहे हैं, जबकि 92 कैदियों ने तीन दिन का उपवास रखा है।
इसके अलावा 24 महिला बंदियों ने भी उपवास किया है, जिनमें 15 महिलाओं ने नौ दिन और 9 महिलाओं ने तीन दिन का व्रत रखा है। सभी बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद ही उपवास की अनुमति दी गई।
अपने अपराधों की क्षमा मांगी
अधीक्षक ने कहा कि कैदी मां दुर्गा से अपने अपराधों की क्षमा मांग रहे हैं। उनका विश्वास है कि पूजा और उपवास से उन्हें मानसिक शांति मिलेगी। इससे वे भविष्य में सामान्य और सकारात्मक जीवन जीने की ओर अग्रसर होंगे।।