भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने अपने करियर के शुरुआती संघर्षों और ट्रोलिंग के दौर को याद करते हुए बताया कि कैसे एमएस धोनी की एक छोटी-सी सलाह ने उन्हें हर आलोचना का सामना करना सिखाया।
ट्रोलिंग से टूटा मन, लेकिन धोनी की बात बनी सहारा
2018 में जब सिराज आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के लिए खेल रहे थे, तब उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार ट्रोल किया गया। कई लोगों ने उनके दिवंगत पिता के पेशे – ऑटो रिक्शा चलाने – को लेकर भी ताने मारे।
सिराज ने कहा –
“जब मैंने टीम इंडिया में कदम रखा, तो धोनी भाई ने मुझसे कहा था – ‘किसी की बातों में मत आना। अच्छा करेगा तो दुनिया सर पर चढ़ाएगी, खराब करेगा तो वही लोग गालियां देंगे।’ यह बात आज तक मेरे दिल में बैठी है।”
सिराज ने आगे बताया –
“कभी लोग कहते हैं सिराज जैसा गेंदबाज़ कोई नहीं, तो अगले मैच में कहते हैं – जाकर अपने बाप के साथ ऑटो चलाओ। इतनी जल्दी लोग बदल जाते हैं। तभी मैंने तय कर लिया कि मुझे बाहरी राय की ज़रूरत नहीं है। मेरे लिए मेरे परिवार और साथी खिलाड़ियों की सोच ही मायने रखती है।”
एक ऑटो रिक्शा चालक का बेटा, आज भारतीय टीम का धुरंधर
सिराज की कहानी किसी फ़िल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। हैदराबाद की गलियों में एक ऑटो चालक का बेटा बड़ा सपना लेकर निकला और आज भारतीय टीम का अहम हिस्सा है।
उन्होंने नवंबर 2017 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 डेब्यू किया। 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे, और फिर 2020 बॉक्सिंग डे टेस्ट (MCG) में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा। यही मैच उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट बना।
सिराज का अब तक का रिकॉर्ड
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टेस्ट: 42 मैच – 130 विकेट
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वनडे: 48 मैच – 71 विकेट
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टी20I: 16 मैच – 14 विकेट
आज सिराज दुनिया के बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों में गिने जाते हैं और टीम इंडिया की जीत का भरोसेमंद चेहरा हैं।
निचोड़: सिराज की जर्नी सिर्फ क्रिकेट की कहानी नहीं, बल्कि उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल हालात में भी अपने सपनों के पीछे डटे रहते हैं। धोनी की एक सीख ने उन्हें ट्रोल्स की आवाज़ से ऊपर उठना सिखाया और यही वजह है कि आज वह करोड़ों युवाओं के रोल मॉडल बने हुए हैं।